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________________ जैन चित्र कथा के माध्यम से बाल पीढ़ी का समग्र विकास भगवान महावीर के सिद्धान्तों एवं उपदेशों का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर जन साधारण के हृदय में नैतिक सदाचार व मानवीय मूल्यों की पुन: स्थापना करने; देव, गुरु, शास्त्र के प्रति कर्तव्य का बोध करा कर धर्म प्रभावना व संस्कृति संरक्षण के लिए नयी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा देने हेतु आधुनिक शैली में कथा साहित्य का प्रकाशन किया जा रहा है। जैन पुराणों में असंख्य कथाएँ हैं-उनमें से अधिकांश उपयोगी व सुबोध कथाओं को चित्र कथा के माध्यम से प्रकाशित किया जा रहा है-जिसे अत्याधिक सरस व लालित्यपूर्ण भाषा में प्रस्तुत किया है। ये कथाएँ बच्चों के मनोरंजन के साथ-साथ उनके हृदय को उदार व विशुद्ध बनाती हैं तो कहीं बुद्धि में स्फूर्ति का संचार करती हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि धर्म के अंकुर, बच्चों के सरल हृदय में सदैव के लिए जड़ जमा लेते हैं । निश्चय ही ये बच्चे धर्म का पालन करते हुए मोक्ष मार्ग पर अग्रसर होंगे। माता-पिता व अभिभावक गण एक बार जैन चित्र कथा को अपने बालकों के हाथ में रख कर देखें-बालकों को आनन्द से पढ़ते देखकर वे अवश्य धन्यता का अनुभव करेंगे। प्रकाशन सहयोगी श्री विजय जैन दरियागज दिल्ली श्री जय गोपाल राजीव जैन चावड़ी बाजार दिल्ली.
SR No.033239
Book TitleTile Wale Baba
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrilal Jain
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size7 MB
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