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________________ एक दिनविश्वभूति दर्पण में मुस्वदेखरहेथे मंत्री विश्वभूतिअपने छोटे पुत्रमरुभूतिकोलेकर राजा के पास पहुंचे। कि सिर पर सफेद बाल दिखाई पड़े...... राजन।मैं अब म्त्रीजी, आपका पुत्र बड़ा हैं। यह क्या ? सफेद बाळ! बस अब अपना कल्याण होनहार है।मुझे कोई तो मृत्यु आही गयी समझो। मुझे। करना चाहताहूं। एतराज नहीं है। अपना कल्याण झटपट करना कृपया आपमुझे चाहिए। चूका लो गया। हट्टी दीजिये... मिरा छोटा पुत्र आपकी सेवा कमठ कुछ दिन बादराजा अरविन्द अपने नयेमंत्री मरूभूतिको लेकर व्रजवीरज राजापरचढाई करनेकेलिचले गये,पीछे.... बस भूतिकी अहाहा! हा! क्या रूपहै? स्त्री विसुन्दरी परन्तु है मेरे छोटे भाई की स्त्री!) विसुन्दरीको बाल सुखा कोई भी हो, यह तो प्राप्त करने रही थी। मुझे मिलनी ही ਲਿਨ੍ਹਾਂ कमठउसे चाहिए। बैचेन हो देख रहाथा उठा...... 18888890 UUUUUUUU CO कमठ ने अपने मित्रकाल हंस से मिल कर एक गंभीर षड्यंत्र रचा...खुदबागमें लेट गया और उसका मित्र... कालहंस अरीबहिन!कछ सुना तुमने हैं। उन्होने ऐसा कहा। विसुन्दरी तुम्हारे जेठ जी बहुत बीमारं| अबक्या करूं? वे तोयहां ) केपास बगीचे में लेटे हैं।'भाई है नहीं जेठजीका व उनका) पहुंचा और भाई पुकार रहे हैं। भाई नहीं बहुत प्रेम है मेरे न जानेसे दुखीस्वर | तो उनकी पत्नी ही मेरा हाल वे बहुत नाराज होंगे में बोलाचाल पूछने आजाती... 461DUN MAGAR अच्चभैया चलती हूं। - तिसन्दरीकाल हंस के साथ बगीचे में पहुंच गई। कालहंस उसे वहीं छोड़कर गायब हो गया ।उधर कमठ बहाना करके लेटा थाही.....
SR No.033238
Book TitleTali Ek Hath Se Bajti Rahi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMoolchand Jain
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size10 MB
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