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जैन चित्रकथा
मैं तो राष्ट्र
यही कोई पच्चीस-तीस करोड़ रुपये का
मंदिरकेनिर्माण की सहायताके लिए निकला
आपकी यह यात्रा अवश्य पूरी होगी
सुना है,मालवा राज्य से आपको अच्छी सहायता मिली है।
आप धन्य है। भामाशाह
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यह सब आप जैसे मित्रों की कृपा का फल है।
महाराणा प्रताप जिनके यहां आप धन्य है जैसे महामंत्री और काम
कोषाध्यक्ष हैं।
किस योग्य
एकबार आप राणा महाराणा उदयसिंह के के दर्शनों समय में भी तो की इच्छा उनके महामंत्री
थे ।
हां, कुछ वर्षों तक रहा, फिर मैंने खुद ही. त्याग पत्र दे दिया,वे अत्यन्त विलासी थे, राज-काज में भी उनकी कतई दिलचस्पीनहीं
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यह अवसर भी आपको शीघ्रही प्राप्त हो।
थी।
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