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कलावती, महल में जितने भी खाली बक्से, थैले हो, यहां मंगाए
जाए
जैन चित्रकथा
जैसी मेरे स्वामी की आज्ञा
शक्तिसिंह, चलो अब हम राणा
के पास
६॥
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चलते
है ।
भामाशाह, शक्तिसिंह के साथ सोना, चांदीव अशर्फियों को हाथी, घोड़ों पर लादकर राणा प्रताप की गुफा की और चल पड़े