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बिल्कुल अकेला,भाग्य भरोसे.पास में | मैंने अनेक चीजें देवीपरन्तु यह चीज तो मैंने आज तक कुछमहीं-नधन-न खाने के लिये नाश्ता भी नही देरवी/यह क्या है। चलूंपूइसके मालिक से ही और चल रहा है बेचारा धनकुमार-
गहरोमटो ताकि मैडम काला दिखाई दिया हल चलाते हुए एक व्यक्ति.....
हाँक्यों नही-अवसभी सारवजाा) लो। आप इसे शौक सेचलाओ) मैंसामने छाया में बैठाहूँ।।
हैं यह क्या? यह हल आगे क्यों नहीं चलता। चलो और और
लगाकर चलाऊँ बस..... अरे यह क्या? अरे यह तोकोई कला जमीन) में गड़ाहै। देख्क्याहै
इसमे?.
कलशेको फिर गड़े में गाड़कर मिट्टी डाल दी।
यहक्या ? इसमें तो धन भाहै। मैंने अच्छा नहीं किया/खेत के मालिक ने अपना धन इसमें छिपाकर रखा था। लेकिन मैंने उसका भेद रवोल दिया नहीं। नहीं ऐसानहीं करना/00% चाहिये।।
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पार
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आपने हमारा बड़ा उपकार किया जो हम हल चलाने की कला भीसीख गये। अघया अब हमजाते हैं। आज्ञादीजिये ।।
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