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________________ तब सीता स्वामी को निकट आया जान हर्षित होकर सन्मुख आई। सो महा ज्योति का धारणवाला, सजल नेत्र उसे हृदय से लगाकर सुख सागर । में मन हुआ। सीता राम का समागम देखकर देव प्रसन्न हुए, पुष्प वर्षा होने लगी। लक्ष्मण ने चरण स्पर्श किया, भामण्डल भाई मिले, हनुमान, नल, नील, अंगद, विराधित, चन्द्र सुषेण, जांबंद आदि बड़े-बड़े विद्याधर सुनाय कर वंदना व स्तुति करने लगे वस्त्राभूषण भेंट करने लगे । जैसे सूर्य की प्रभा, सूर्य सहित प्रकाश करती है वैसे ही आप श्रीरामचंद्र सहित जयवंत होवें। more Cam लंका का राज्य विभीषण को देकर श्रीराम, सीता, लक्ष्मण पुष्पक विमान से अयोध्या आये, हर्षोल्लास पूर्वक भव्य स्वागत हुआ। Lanash 3098570 श्रीसीता राम लक्ष्मण राज्य सिंहासन पर विराजमान हुए । दशों दिशाओं में श्रीराम सीता की यशोगाथा शोभायमान हुई । 26 जनक नन्दनी सीता
SR No.033226
Book TitleJanak Nandini Sita
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size9 MB
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