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________________ कुछ क्षण आपसे भी... - - - सम्मानीय धर्मानुरागी बन्धु सादर जयवीर। - जैन साहित्य में विश्व की श्रेष्ठतम् कहानियों का अक्षय भण्डार भरा है। जिसमें नीति, उपदेश, वैराग्य, बुद्धिचातुर्य, वीरता, साहस, मैत्री, सरलता, अहिंसा, क्षमाशीलता, अपरिग्रह, त्याग, तप, संयम आदि विषयों पर लिखी गई हजारों सुन्दर शिक्षाप्रद रोचक कहानियों में से चुन-चुन कर सरल भाषा-शैली में भावपूर्ण - रंगीन चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का एक छोटा-सा प्रयास विगत कई वर्षों - से चल रहा है अब यह जैन चित्र कथा अपने 15वें वर्ष में पदापर्ण करने जा रही - इन चित्र कथाओं के माध्यम से आपका मनोरंजन तो होगा ही साथ में जैन । इतिहास, संस्कृति, धर्म, दर्शन, और नैतिक जीवन मूल्यों से भी आपका सीधा सम्पर्क होगा। हमें विश्वास है कि इस तरह की चित्र कथायें आप निरन्तर प्राप्त करना । चाहेगें। अतः आप इस पत्र के साथ छपे सदस्यता पत्र पर अपना पूरा पता साफ-साफ लिखकर भेज दें। सदस्यता शूल्क :तीन वर्ष का-500 ___पांच वर्ष का-700 हमारे पुराने अंको को प्राप्त करने के लिए लगभग 25 अंकों को जो वर्तमान ! में उपलब्ध है उनकी राशि 550 रु. है फार्म व ड्राफ्ट/M.0. प्राप्त होते ही हम आपको रजिस्ट्री से छपे अंक भेज देंगे। - - - - - -
SR No.033223
Book TitleDharm Ke Dash Lakshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMoolchand Jain
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size9 MB
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