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________________ यशोध का दरबार...हे पति देव! आज मैंने पिछली रात्रि में स्वर्गसे आता हुआ एक विद्वान पुत्र देखा जोसर्वगुण सम्पन्न है। हे देवी। तेरा पुत्र भाग्यशाली प्रतापीएवं विजय श्री को प्राप्त करने वाला होगा। - RAN KGJG Lool नौ माह बाद रानी चन्द्रमती ने एक पुत्र कोजन्म दिया जिसका नामयशोधर रखा गया और धीरे धीरे पुत्र मड़ा हुआ......... एक दिन राजा यशो दर्पण में मुख देव रहाथा कि अचानक राजाने अपने पुत्र यशोचर का विवाह अमृतमती कन्या के सिर पर एक सफेद बाल दिखा... ... साथ कर दिया एवं राज्य का भार पुत्र का सापकर कहा.... द म हे पुत्र! धर्म,शज्य एवं प्रजा की रक्षा | अरे संसार में कितना समय भोगविलास मेंबीतगया अब मृत्युरूपी काल आनेवाला है Pri क रते हुए राज्य करना ।। जिसकी सूचना बुदापे के सफेद बाल देने लगे, TODNOTIVला हैं अतःदीक्षा लेनी चाहिए। आज्ञा MAHINDU पिताजी HALNO राजा यशोध ने वन में जाकर दिगम्बर दीक्ष्या ग्रहण करली......
SR No.033218
Book TitleAate Ka Murga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitsagar
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages32
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size9 MB
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