________________
जैन चित्रकथा उधर मनुष्य की गंध पाकर दहाड़ता हआ शेर चला आ रहा था।
जो भी हो। मुझे (इन मुनियों की रक्षा तो
करनी ही है।
adhim
सुअर,मुनियों की रक्षा करना चाहता था और शेर उन्हें रवाना चाहता था।
दोनों मुनि शांतभाव से तप करते रहे।
।
NAASHIRANSanatandutodaaeilla
OHI
28