________________
कौण्डेश से कुन्दकुन्द शब्द - डॉ. योगेश चन्द्र जैन चित्र - त्रिभुवन शंकर बालोठिया
पुष्पदन्त
अकलंक
भारतवर्ष का दक्षिण प्रान्त संस्कृति एवं सभ्यता के लिए विश्व विख्यात है ।
समन्तभद्र
जैन साधुओं की जन्मस्थली होना यहाँ की मिट्टी को प्रकृति का स्वाभाविक वरदान ही है।
कुन्दकुन्द
उमास्वामी
An
भूतवलि
धरसेन
रविषेण