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उमराला की प्राथमिक शाला के गुरुजी के
मकमातृभाषा का ज्ञान कहान को गुरुजी की बात साथ कहान कुमार
आवश्यक हैकहानबेटे, आसानी से याद होगयी, पाठशाला गये
एक दिन शाला सेलौट कर
अगर यह पढ़ाई में तेज नहीं होता तो मैं | आने के बाद- मा.मेरा मन इन पुस्तका)
PY अपनी दकान पर बैठाता.
जैन पाठशाला में नहीं लगता.
लजाऊं.
क्यों कहान?
मोतीचन्द्रजी कहानको जैन पाठशाला में लेगये
प्रत्येक परीक्षा में प्रायः प्रथम रहने के बावजूद एक दिनमां, तुमसमझती
क्यों नहीं
मुझेजो चाहिये इस पढाई में नहीं है.