________________
(एक दिज-
जैन चित्र कथा हे मंत्रिगण। इन दिनों राजकाज में (हमने राजा को बहुत समझाया, मेरा मन नहीं लग रहा। अस्तु मैं राजा | किंतु वह नहीं माने। उन्होंने के अपने समस्त अधिकार मंत्री काष्ठांगार आजकाण्ठागारको राज्य शासन को देने पर विचार कर रहाहूं।
दे ही दिया।
नहीं,
महाराज। आप ऐसान करें।यह नीति नहीं है।
नीतिकार कहते हैं कि जो भावी होती है, मनुष्य की बुदि भीवैसी हीहोजाती है।
(एक रात्रि को रानी विजयाने तीन स्वप्न देखे।
रक
UILLA
Morforg
@OORD
GOC
OODoor
(अगले दिन रानीने राजा सत्यधर से उन स्वप्नों के अर्थ पूछे।
रानी, मुकुट सहित अशोक वृक्ष का अर्थ है कि तुम्हारे एक सुन्दर पुत्र होगा। आठ मालाओं का अर्थ है कि उसपुत्रके
आठ पत्नियां होंगी।
5050