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| विवाहोत्सव में प्रजाजनों ने बड़ी खुशियां मनाई।
समय बीतता गया...
यशस्वती ने | भरत आदि १०० पुत्रों तथा ब्राह्मी नामक पुत्री को जन्म दिया।
| सुनन्दा से बाहुबली पुत्र और सुन्दरी नामक पुत्री उत्पन्न
हुई ।
नाभिराय अपने राज्य का भार ऋषभ देव के कंधों पर डाल कर निश्चिंत होगये।
राजा ऋषभदेव ने असि, मसि, कृषि, वाणिज्य, शिल्प, विद्या आदि कार्यों का उपदेश देकर जन सामान्य को ज्ञान कराया ।