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और अंगारक की कथा सुनकर भोलू अपने घर आया
लो प्यारी संसार का सबसे सुन्दर हार....
दूसरे दिन जब हार पहनकर उत्सव में गई
अंगारक.
ये कितनी निर्दयी दृष्ट औरतें.. | मेरे हार कंगन को कोई देख ही नहीं रहीं.... ना कोई पूछ रही..
दु:खी सेठानी ने गहने दिखाने की एक तरकीब निकाली। अपने घर में स्वयं ही.
आग लगाकर
आग- आग...
बचाओ- बचाओ...
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वाह ! सचमुच कितना सुन्दर...
तुम बहुत अच्छे हो