________________ जैन योग : चित्त-समाधि योगशतक (स्वोपज्ञवृत्ति सहित) तथा ब्रह्मसिद्धान्तसमुच्चय (हरिभद्र) : सम्पादक मुनि पुण्यविजय, प्रकाशक-लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अहमदाबाद, 1965 योगशतक (हरिभद्र) : सम्पादक-इन्दुकला झवेरी, प्रकाशक—गुजरात विद्या सभा, अहमदाबाद, सन् 1956 योगशास्त्र (हेमचन्द्र) : प्रकाशक-प्रा० श्रीमद्विजयदानसूरीश्वर जैन ग्रन्थमाला, 10, गोपीपुरा, सूरत, सन् 1938 योगशास्त्र एक परिशीलन : लेखक–अमरमुनि, प्रकाशक-सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, सन् 1963 योगसार (योगीन्दुदेव) : प्रकाशक-परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, सन् 1937 योगसार (अज्ञात) : प्रकाशक-जैन साहित्य विकास मण्डल, बम्बई, सन् 1960 योगसार प्राभूत (अमितगति) : सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार, प्रकाशक--भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, सन् 1968 योगसार संग्रह (श्री गुरुदास विरचित) : सम्पादक-डॉ० ए० एन० उपाध्ये, प्रकाशक-माणिकचन्द्र दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, योगामृत (मुनि बालचन्द्र) : अनु०-श्री देशभूषण महाराज, प्रकाशककैलाशचन्द्र जैन (प्रो० राजा टायज डिप्टीगंज), दिल्ली रत्नकरण्डश्रावकाचार (समन्तभद्र) : प्रकाशक—भा० दि० जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, वी० नि० सं० 2451 काशी, सन् 1944 विशतिविशिका (हरिभद्र) : सम्पादक--डॉ० अभ्यंकर, प्रकाशक-आर्यभूषण मुद्रणा लय, पूना, सन् 1932 विशेषावश्यक भाष्य : (1) सम्पादक-डॉ. नथमल टाटिया, प्रकाशक-रिसर्च इन्स्टीट्यूट, वैशाली, सन् 1972, (2) एल० डी० इन्स्टीट्यूट, अहमदाबाद, सन् 1966-68 श्रावकाचार (अमितगति द्वितीय, वि० की ११वीं शती) : सम्पादक–राजमल बड़जात्या षट्खण्डागम खण्ड 5, भाग 1, 2, 3, पुस्तक 13 : धवला टीका (वीरसेन), पृ. 64-88, भेलसा, सन् 1955 षोडशक (हरिभद्र) : प्रकाशक-देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धारक फण्ड, मुंबई, सन् 1611