________________ जैन परम्परा में योग * जैन-योग की परम्पराः लेखक--मुनि राकेशकुमार, प्रकाशक-तुलसी अध्यात्म नीडम्, जैन विश्व भारती, लाडनूं, सन् 1982 जैन साधना-पद्धति में तपोयोम : लेखक-मुनिश्री श्रीचन्द्र, प्रकाशक-आदर्श साहित्य संघ, चूरू (राज.), सन् 1976 ज्ञानसार (पद्मसिंह) : टीका०-त्रिलोकचन्द, प्रकाशक-मूलचन्द किशनदास काप ड़िया, दिगम्बर, जैन पुस्तकालय, सूरत, वी० नि० सं० 1964 ज्ञानार्णव (शुभचन्द्र) : व्या०-६० पन्नालाल बाकलीवाल, प्रकाशक-श्रीमद् राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अागास, सन् 1961 तस्वानुशासन (श्री नागसेन) : प्रकाशक-(१) वीर सेवा मंदिर, दिल्ली, (2) जैन साहित्य विकास मण्डल, बम्बई, तस्वार्थवालिक- (अकलंक) : भाग-१,२ : सम्पादक-डॉ० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य, प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, सन् 1953, 1957 तस्वार्थश्लोकवातिकालंकार (विद्यानन्द) : प्रकाशक-निर्णयसागर, प्रेस, बम्बई, सन् 1918 तत्वार्थसूत्र (भास्करनन्दिकृत सुखबोधा-वृत्ति सहित) : ओरियण्टल लाइब्रेरी पब्लि केशन, मैसूर, सन् 1944 तत्त्वार्थाधिगमसूत्र (भाष्य टीका) खण्ड 1,2 : प्रकाशक-देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड, बम्बई तुम अनन्त शक्ति के स्रोत हो : लेखक-मुनि नथमल (सम्प्रति युवाचार्य महाप्रज्ञ), प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, सन् 1966 दशाश्रुतस्कन्ध : टीका०—आत्मारामजी महाराज, प्रकाशक-जैन शास्त्रमाला कार्या लय, लाहौर, सन् 1936 दसवेनालियं : सम्पादक-मुनि नथमल (सम्प्रति युवाचार्य महाप्रज्ञ), प्रकाशक-जैन विश्व भारती, लाडनूं, सन् 1974 / दसकालियसुत्तम् (अगस्त्यसिंह चूणि सहित) : सम्पादक-मुनि पुण्यविजय, प्रकाशक-प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, वाराणसी, सन् 1974 द्वयाश्रयकाव्य : प्रकाशक-राजकीय ग्रन्थमाला, मुंबई, सन् 1915 धर्मबिन्दु (हरिभद्रसूरि) : प्रकाशक-रॉयल एशियाटिक सोसाइटी, बंगाल, सन् 1940 ध्यानदण्ड स्तुति : ध्यानद्वात्रिंशिका (सिद्धसेन दिवाकर) : (दसवीं द्वात्रिशिका)