________________ 28 ] नित्य नियम पूजा तदाकार प्रतिबिम्बको प्रथम कहो अभिषेक / ताते विधि अभिषेककी, योग्य रचों सविवेक // 4 / इति अभिषेक प्रतिज्ञां कृत्वा पुष्पांजलि क्षिपेत् / दोहा-प्रणव आदि जय जय उचरि, नमन ठानि पढ़ि मंत्र। मंगल उत्तम शरण गहि, स्वस्तिक लिखहूं स्वतंत्र / / अथ मंत्र पाठ ॐ जय जय जय। नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु / णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं / पमो उवज्झायाणं, णमो लोए सबसाहूणं / / अनादि मूल-मंत्रेभ्यो नमः ! (पुष्पांजलि क्षेपण करना) चत्तारि मंगलं, अरिहंता मंगलं, सिद्धा मंगलं, साहू मंगलं, केवलि-पण्णत्तो धम्मो मंगलं, / चतारि लोगुत्तमा, अरिहंता लोगुत्तमा, सिद्धा लोगतमा, साहू लोगुत्तमा, केवली-पण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमा, चत्तारि शरणं पधज्जामि, अरिहंत शरणं पवज्जामि, सिद्धे शरणं पधज्जामि साहू शरणं पधज्जामि, केवलि-पण्णतं धम्मं शरणं पव्वज्जामि // ॐ नमो अर्हते स्वाहा / ( पुष्पांजलि क्षेपण करें) अपराजित मन्त्रोऽयं, सर्व-विघ्न-विनाशकं / मङ्गलेषु च सर्वेषु, प्रथमं मङ्गलं मतं / /