________________ नित्य नियम पूजा [ 179 चोबीस तीर्थंकरकी आरती अघहर श्री जिनबिम्ब मनोहर,चोवीस जिनका करो भजन आज दिवस कंचन समउगीयो,जिनमंदिरमें चलो सजन टेक म्हवन स्थापना सहस्त्रनाम पढ, अष्ट विधार्चन पूज रचन / जयमाला आरती सुस्वर,स्तवन सामायिक त्रिकाल पठन / जयजय आरती सुरनर नाचत, अनहद दुंदुभी बाज बजन / रतन जडित कर स्थाल मनोहर ज्योति अनुपम धूम्रतजन / ऋषभ अजित संभव सुखदाता, अभिनंदन के नम चरण / सुमति पद्मप्रभ, देव सुपान,गंद्रनाथ वपु शुभ्र वरण अ. पुष्पदंत, शीतल श्रेयांस नमी वासुपूज्य भवतार तरन / विमल अनंत धर्म शांति,जिन,कुथु अरहंत जन्म मरण ।अ. अरु मल्लि मुनिसुव्रत,नमि नेमि पार्श्वनाथ हत अष्ट करम नाथवंश, उन्नत, कर सप्तम अंतम सन्मति देव शरन अ.५ समवशरणको अगणित शोभा, बार सभा उपदेश धरन / जीव उद्धारक,त्रिभुवन तारक,राय रंकको राख शरन ।अ.६ तीर्थंकर गुणमाल कंठकर,जाप जपो नित करो कथन / देवशास्त्र गुरु विनय करो,ये तोन रतनका करो जतन। अ.७ मूलसंघ पुष्करगच्छ मंडन, शांतिसेन गुरुपाद रचन / भविजन भावे शिवसुख पावे बगेरवाल कहे लाड रतन / अ.८