________________ [8] नं. पूजन 52 | पश्चिमविदेह संबंधी षोडश रुपाचल जिन. पूजा-५० 53 | दक्षिण भरतक्षेत्र रुपाचल सिद्धकूट जिन. पूजा-५१ 54 उत्तरदिश ऐरावतक्षेत्र रुपाचलपर जिन. पूजा-५२ 55 दक्षिणउत्तरदिश षट्कुलाचलपर जिन. पूजा-५३ 56 पुष्करार्घ द्वीप मध्ये जिनमंदिर विद्युन्माली दक्षिण दिश। दोनों भरतक्षेत्र बीच इक्ष्वाकार पूजा-५४ /284 57 पुष्करार्घ द्वीपमध्ये मंदिर विद्युन्माली मेरुके उत्तर दिश ____दोनों ऐरावतक्षेत्रके बीच इक्ष्वाकार जिन. पूजा-५५ 287 58 मानुषोत्तर पर्वतपर चारोंदिश चार जिन. पूजा-५६ 59 नन्दीश्वर द्वीप संबंधी पूर्वदिश त्रयोदश पर्वतपर सिद्धकूट जिनमंदिर पूजा-५७ ,296 60 नन्दीश्वरद्वीप दक्षिण त्रयोदश पर्वत जिन. पूजा-५८ 301 61 नंदीश्वर द्वीपके पश्चिम दिश संबंधी त्रयोदश जिनमंदिर सिद्धकूट तिनकी पूजा-५९ 306 62 नंदीश्वर द्वीपके उत्तर दिश संबंधी त्रयोदश सिद्धकूट। जिनमंदिर विराजमान ताकी पूजा-६० 312 63 कुण्डल द्वीपके बीच कुण्डलगिरिके चारों दिश चार सिंद्धकूट जिनमंदिर पूजा-६१ 318 64 रूचिक द्वीप मध्ये रुचिक द्वीप मध्ये रुचिकगिरिके चारोंदिशा चार सिद्धकूट जिनमंदिर पूजा-६२ 323 65 कवि श्री लालजीकी अंतिम प्रशस्ति