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________________ कुर्वाणं कर्म धिक्कृतम् ] महाभारतस्य [कुलतन्तुर्हि नः शिष्टः कुर्वाणं कर्म धिक्कृतम् 12. 285. 34'. कुर्वाणो विविधाः क्रियाः 13. 102.5*. कुर्वाणं कर्म पापकम् 10. 5.7'. कुर्वाणोऽस्त्राणि भारत 3. 164. 53. कुर्वाणं कर्म समरे 9. App. 4. 1 pr. कुर्वाणौ कर्म दुष्करम् 6. 193*. 1 post. कुर्वाणं च तव प्रियम् 6.94.44. कुर्वाणौ च महारणे 8. 11. 13. कुर्वाणं च धनंजयम् 3.255.564. कुर्वाणौ तु महत्कर्म 6. 54. 136. कुर्वाणं तप उत्तमम् 5. 113. 19%. कुर्वाणौ तौ महारथौ 8. 18.71. कुर्वाणं दारुणं कर्म 7. 8.5*.. कुर्वीत न विचारयेत् 1. App. 81. 22 post. 12. 138. 12. कुर्वाणं नीडकं तत्र 12. 253. 21. कुर्वीत पितृदेवत्यं 12. 28. 42". कुर्वाणं परिरक्षतु 6. 101.6". कुर्वीत पिश्यं देवं च 13. 107. 102. कुर्वाण भैरवं महत् 4. 40. 34. कुर्वीत प्रियमात्मनः 12. 105. 214. कुर्वाणं विजने जने 9. 50. 424. कुर्वीत सततं नरः 13. 89. 2. कुर्वाणं समयं कृष्णः 2. 36. 11. कुर्वीत हतबुद्धिषु 12. 110. 24'. कुर्वाणं समरे कर्म 6.55.26deg. कुर्वीताथर्वणो द्विजः 12. App. 8. 6 post. कुर्वाणं समरे कर्माणि 6. 417*. 1 pr. कुर्वीतापत्यसंतानं 12. 60. 11". कुर्वाणं संशितात्मानं 9. 50. 41'. कुर्वीथा न्यायतः सदा 15. 10. 9. कुर्वाणं साध्वसाधुनी 7. 28. 244. कुर्वीथा भूरिदक्षिण 15. 12. 22. कुर्वाणं हि नरं कर्म 13. 43.70. कुर्वीथाश्चाप्रमादतः 3.238. 24. कुर्वाणः कदनं महत् 9.60. 300. कुर्वीथास्त्वं बृहन्नडे 4. 38. 11. कुर्वाणः क्षत्रियो युधि 1. 150. 23. कुर्वीथास्त्वं विहंगम 12.373*. 1 post. कुर्वाणः प्रत्यषेधयत् 7. 140. 126. कुर्वीमहि तथा वयम् 13. 102. 21. कुर्वाणः प्रियकाम्यया 2. 34.4%; App. 20. 2A 2 post. कुर्वीमहे यच्च हितं भवेत्तु 3. 584*. 1. कुर्वाणः शल्मले रुषा 12. 151. 23. कुर्वीरन्देवमानुषाः 13.78. 3. कुर्वाणः सत्यसंगरः 12. 227. 4. कुलकार्य महाराज 2. 20.6. कुर्वाणः सप्तमी नृप 13. 87. 12. कुलकृजायतामिह 1. 207. 22. कुर्वाणः सुमनाः सदा 13. 131. 40deg. कुलक्रमागतं वैरं 7. 1384*. 5 pr. कुर्वाणः सौहृदं परम् 7. 170. 36. कुलक्षमाथै पितृभिनियोजितम् 4. 180*. 82. कुर्वाणान्कर्म दुष्करम् 6. 79.7'. कुलक्षयकृतं दोषं 6. 23. 389, 39deg. कुर्वाणान्दारुणं कर्म 8. 37. 17. कुलक्षयं चकारासौ 5. 538*. 1 pr. कुर्वाणा मजये यत्नं 7. 170. 34deg. कुलक्षयं प्राप्स्यसि राजसिंह 3. 27*. 4. कुर्वाणा विविधानरावान् 8. 28. 36. कुलक्षये प्रणश्यन्ति 6. 23. 40deg. कुर्वाणा वै न संशयः 13. 48. 33. कुलन्न इति नोच्येथाः 5. 122. 58. कुर्वाणाश्च कथास्तत्र 2. App. 44. 13 pr. 15.28.2". कुलनमीदृशं पापं 5. 123. 21deg. कुर्वाणास्तु नराः षष्ठयां 13. 87. 11. कुलमानां कुलस्य च 6.23. 42. कुर्वाणास्तुमुले सति 12. 101. 300. कुलनोऽधमपूरुषः 9. 32. 44. कुर्वाणां तेन संविदम् 4. 21. 5. कुलभ्यः पापनिश्चयाः 13. 43, 20deg. कुर्वाणाः पौरकार्याणि 1. 200.8". कुलजश्व धनाव्यश्च 12. App. 3.64 pr. कुर्वाणाः पौष्टिकीः क्रियाः 12. 285. 29". कुलजः क्षत्रियो ह्यसि 7. 160. 28. कुर्वाणेवावलोकयत् I. App. 98. 50 post. कुलजः प्रकृतो राज्ञा 12. 118.5". कुर्वाणो ज्ञातिसक्रियाम् 5. 39. 17'.. कुलजानां च वैद्यानां 13. App. 15, 958 pr.. कुर्वाणोऽतीव संयुगे 8. 4. 86'. कुलजानां सुमित्राणां 12. 315*.2 pr. कुर्वाणो मध्यपाश्रयः 6. 40. 56. कुलजो वृत्तसंपन्नः 12. App. 2. 26 pr. कुर्वाणो वधमोक्षणम् 1. 150. 22. कुलजौ बाहुशालिनी 7. 68.8. कुर्वाणो विमलां रात्रि 4. 32. 2. कुलतन्तुर्हि नः शिष्टः 1. 41. 21. -778 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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