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________________ कीर्ति पुण्यं यशो लोकान् ] महाभारतस्थ [ कुक्षौ चाप्यदधदृष्ट्वा कीर्ति पुण्यं यशो लोकान् 12. 109. 10. कीर्ति पुण्यामविन्दन्त 3. 92. 21". कीर्ति प्रच्छाद्य तेषां वै 17. 3. 26. कीर्ति प्रथयता लोके 1. 56. 264. 18. 5. 34deg. कीर्ति प्राप्येह शौनक 18. 5. 44. कीर्ति प्राप्स्यामि शाश्वतीम् 3. 284. 35. कीर्तिः श्रीर्वाक्च नारीणां 6.32. 34deg. कीय॑कीर्तिपरावराः 13. 33. 171. कीय॑ते केशवस्तथा 1. 494*. 5 post. कीर्त्यते चाप्युपाख्यानं 1.86*. 2 pr. कीर्त्यतेऽत्र सनातनः 1. 1. 193. कीय॑ते धूतपाप्मानः 1. 494*. 5 pr. कीर्त्यते नात्र संशयः 3. App. 21A. 70 post. कीर्त्यते भगवान्देवः 13. 395*. 5 pr. कीर्त्यते यत्र भागशः 1. 2. 174. कीर्त्यते यत्र विधिवत् 1. 174*. 3 pr. कीर्त्यते वै वृषाकपिः 7. 1470*. 4 post.. कीर्त्यते शब्दसंज्ञाभिः 12. 210. 11: कीय॑ते सुमहातेजाः 3: 1071*. 1 pr. कीय॑न्ते शुभकर्माणः 1. 1. 192. कीय॑मानं निबोध मे 1. 159. 124. 3. 106. 14. ___13. App.15. 750 post. कीर्त्यमानं नृपर्षीणां 1. App. 101. 2 pr. कीय॑मानं मया तात 2. App. 21. 728 pr. कीर्त्यमानं मयानघ 12. 45. 3. 13. 116. 58. कीर्त्यमानं मया शृणु 12.29. 14. कीर्त्यमानानि तानीह 14. 17.35deg. कीयमाना निबोध मे 1. 60. 13. कीर्त्यमानानि भारत 3. 86. 14. कीर्त्यमानानि मे शृणु 9. 44. 102. कीर्त्यमानान्निबोध मे 13. App. 15. 3129 post. कीय॑मानान्मया ब्रह्मन् 1. 52. 13. कीर्त्यमानान्मया वीर 9. 45. 1. कीर्त्यमानान्युधिष्ठिर 14. App. 4. 1492 post. कीर्त्यमानेऽर्जुनं प्रति 7. 32. 44. कीर्त्यमानेषु पावकः 13. 23*. 13 post. कीर्त्यमानेषु राज्ञां तु 1. 96.6". कीय॑मानै शं रमे 3. 135. 11'. कीर्त्यर्थमल्पहृल्लेखाः 12. 254. 27. कीर्त्या चास्त्रबलेन च 7. 45. 26deg. कीर्त्या युक्तां शोकनिर्णाशनार्थम् 12. 29. 1384. कीर्यमाणं शरैर्युधि 9. 20. 36. कीर्यमाणं शरैस्तीक्ष्णैः 12. 27. 6. कीर्यमाणा समन्ततः 9. 9. 62". कीर्यमाणां च मेदिनीम् 7. 389*. 1 post. कीर्यमाणां शितैर्बाणैः 6. 105. 9". कीर्यमाणाः पुनः पुनः 9. 36.74. कीर्यमाणाः शरौघैस्तु 4. 48. 19". कीर्यमाणाः समन्ततः 3. 143. 18. कीर्यमाणो नरर्षभः 3. 190*. 1 post. कीर्यमाणोऽपि बहुमिः 3. 255. 6deg. कीलालजं न खादेयं 3. 1167*. 1 pr. कीलालमिश्र पिशितस्य पिण्डं 4. 457*. 3. कीलासमालम्ब्य करेण चायस 4. 182*. 3. कोलैः सुनिचिताः कृताः 3. 16. 15. कुकलत्रप्रपीडिताः 13. App. 15. 1922A 3 post. कुकुराङ्गदमारिषाः 6. 10. 59". कुकुराधिप यान्मन्ये 12. 223. 4. कुकुरान्धकमुख्यांश्च 2. App. 21. 1368 pr. कुकुरान्धकवृष्णयः 1. App. 114. 192 post. कुकुरान्धकवृष्णीनां 1. App. '113.5 pr. कुक्कुटत्वं समश्नुयात् 13 App. 15.2763 post. कुक्कुटश्चाग्निना दत्तः 3.218. 320. कुक्कुटस्य खरस्य च 12. 159. 70. कुक्कुटस्य च साधनम् 3.215, 10% कुक्कुटं चाग्निसंकाशं 13. 86. 220. कुक्कुटं बलिनां वरम् 3. 214. 24. कुक्कुटं शुनकं तथा 13 App. 14. 306 post." कुक्कुटः पञ्च वर्षाणि 13. 545*. 1 pr. कुक्कुटारावबहुलं 12. 349*. 1 pr. कुक्कुटाश्च वराहाश्च 13. 389*. 24 pr. कुक्कुटांश्च वराहांश्च 13. App. 15. 3513 pr. कुक्कुटिका शङ्कनिका 9. 45. 14', कुक्कुटे शुनके चैव 13. App. 14. 309 pr. कुक्कुरः कुकुणस्तथा 5. 101. 10. कुक्षावेव बृहस्पते 1. 98. 9. कुक्षिणा दश मासांश्च 3. 196. 9. कुक्षिदेशेऽवधीद्राजन् 10. 8. 50deg. कुक्षिनाम्नेऽथ प्रददौ 12. 336. 39deg. कुक्षिपक्षाश्रितैर्दोषैः 13. App. 15. 1806 pr. कुक्षिमन्तं च पर्वतम् 2. 27.56. कुक्षिश्चापि महार्णवः 3. 192. 12'. कुक्षिसंधारणाद्धात्री 12. 258. 30*. कुक्षिस्थ एव तस्यास्तु 14.61.8. कुक्षौ काव्यस्य भामिनि 1.72. 13d. कुक्षौ चाप्यदधदृष्ट्वा 9. 50. 10deg. -752 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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