________________ किं नाम पतनं काक] महाभारतस्थ [किं नु नारी छलयति किं नु तत्कारण मुने 12. 331. 154. किं नु तत्कारणं येन 3. 1370*. 8 pr. 12. 142. 3. किं नु तत्पातकं न स्यात् 12. 112. 14. किं नु तत्सदनं श्रेष्ठं 12. 338. 19". किं नु तदुष्कृतं कर्म 1. 101. 23deg. किं नु तदैवतं ब्रह्मन् 12. App. 29E. 205 pr. किं नाम पतनं काक 8. 28. 46". किं नाम बुध्यसेऽऽत्मानं 12. App. 29E. 352 pr. किं नाम युक्तं मयि यन्मखेशे 12. App. 28. 56. किं नाम लोकेष्वविषयमस्ति 3. 120. 16". किं नाम वक्ष्यत्यवनिप्रधानः 3. 119. 10%. किंनामा त्वं कुतश्चासि 1.76. 12. किं नामाभ्यधिकं ततः 3. 90. 14. किनामासि ब्रवीहि नः 12. 125. 231. किं नामेह कृतं पुरा 4. 44. 10. किंनाम्नी भगिनीयं ते 1. 13. 33. किं नावा वै प्रयोजनम् 6. App. 3. 83L post, किंनिमित्तमभूद्वैरं 1. 165.1". किंनिमित्तं च पतनं 17.2.249. किंनिमित्तं मम पितुः 1. 49. 30. किंनिमित्तं हि जीवसि 5. 131. 160, 174. किं नियम्य न शोचन्ति 3. 297. 54. किं निश्चितं भवेत्तत्र 13. 23. 18. किं नु कर्म स्वभावोऽयं 12. 230. 2. किं नु कर्माशुभं पूर्व 1. 68. 70%. किंन कष्टतरं ततः 13.6*. 1 post. किं नु कार्यमनन्तरम् 7. 69. 5. किं नु कार्य कथं कुर्या 5. 50. 59". किं नु कालस्य पर्ययः 12. App. 28. 25 post. किं नु कृत्वा कृतं कार्य 1. 221. 10. किं नु कृत्वा कृतं मे स्यात् 6. 46. 16". किं नु कृत्वा शुभं भवेत् 1. App. 114. 257 post.. किं नु कृष्णार्जुनावि / 6. 41. 284. किं नु कृष्णो बलाधिकः 8. App. 5. 45 post. किं नु क्षत्ता वक्ष्यति नः समेत्य 3. 6.71. किं नु खल्वपयातास्ते 4. App. 58. 29 pr. किं नु खल्वसि मूढस्त्वं 12. 168. 10. किं नु खल्विदमित्युक्त्वा 3. 122. 13". किं नु गर्हाम्यथात्मानं 5. 173. 36. किं नु चित्रमतस्त्वद्य 9. 63. 15. किं नु नीवामि केशव 14.67. 184. किं नु जीवामि पाण्डव 4. 18. 300. किं नु जीवामि माधव 11. 17. 214. किं नु जीवामि संजय 7. 10. 45*. किं नु जीवितसामर्थ्य 3. 264. 290. किं नु ज्यायस्तरं लोके 12. 125. 31. किं नु तत्कलुषं कर्म 18. 2. 43". किं नु तत्कारणं ब्रह्मन् 9. 62. 49. किं नु तस्कारणं मन्ये 12. 136. 150*. किं नु तस्य कुमारता 13. App. 15. 4063 post. किं नु तस्य न निर्जितम् 3. 46. 384. किं नु तस्य मया कार्य 3.74. 11'. किं नु तस्य शरीरेऽस्ति 14. 89. 4. किं नु तस्य सुखं न स्यात् 3. 226. 19%. किं नु तस्याजितं पंख्ये 3. 276.5. किं नु तस्याद्य भेषजम् 9. 23. 314. किं नु तात युयुत्ससे 10.12.344. किं नु तिष्ठसि पार्षत 7. 85. 154. किं नु ते तत्र वक्ष्यन्ति 3. 117.4deg. किं नु तेन कृतं कर्म 10. 17. 50. . किं नु ते मनसा ध्यातं 5. 111.7". किं नु ते मामपश्यन्त्याः 5. 131. 36"; 133. 30. किं नु ते मारुतस्तात 12. 150. 100. किं नु ते रोचते विह 4. 69*. 1 post. किं नु तेषां परं शुभम् 5. 3. 84. किं नु तैरजितं संख्ये 1. 197. 20'. किं नु तैर्न कृतं पापं 3. 117. 3. किं नु त्यक्तास्मि भगवन् 1. 165.29*. किं नु त्वं तैर्न वै श्रेयान् 12. 105. 24. किं नु दुर्योधनः कृत्यं 7. 61. 49"; 89. 28deg. किं नु दुर्योधनैवं मां 6. 94.4". किं नु दुर्योधनोऽब्रवीत् 7. 107. 1. किं नु दुश्चरितं यज्ञे 12. 264. 11'. किं नु दुःखतरं कृष्ण 11. 22. 15. किं नु दुःखतरं ततः 3. App. 21. 194, 23, 244. 12. 82. 10, 10. किं नु दुःखतरं भवेत् 12. 290.796. किं नु दुःखतरं शक्यं 1. 138. 20%. किं नु दुःखमतः परम् 1. 9. 34. 3. 127. 1403; 238. 4. 18. 364.5. 142. 124. 6. 15. 44. किं नु दुःखमतोऽन्यद्वै 12. 125. 27. किं नु धर्म न शृण्वन्ति 13. App. 15. 1041 pr. किं नु नाद्य कृतं तावत् 1. 199. 196. किं नु नारी छलयति 1.2008.-4 pr.