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________________ किमन्यन्मन्यते क्षमम् ] श्लोकपादसूची [किमर्थं चाध्वरे ब्रह्मन् किमन्यन्मन्यते क्षमम् 3. 24*. 4 post. किमर्थमवमन्यसे 1. 68. 53. किमन्यैनिहतैस्तव 7. 135. 23deg. किमर्थमसि नित्यदा 13. 127. 48. किमन्यैः कृत्यमाश्रमैः 13. App. 15. 837 post. किमर्थमसि संप्राप्ता 5. 14. 12". किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः 6. 113*. 1 post. किमर्थमागतान्यत्र 4.727*. 1 pr. किमन्यैः शास्त्रसंग्रहैः 6. App. 3. 104 post. किमर्थमागता सुभ्रः 3. 248. 14. किमपृच्छत्तदा राजा 13. App. 15. 4 pr. किमर्थमागमो ब्रह्मन् 3. 486*. 1 pr. किमपृच्छत्पितामहः 14. App. 4. 2 post. किमर्थमात्मा भेद्यः सन् 13. App. 15.2356 pr. किमप्यङ्कगतं ब्रह्मन् 7. 1462*. 5 pr. किमर्थमावृता लोकाः 1. 220. 90. किमप्येतत्कथंचन 12. App. 29E. 90 post. किमर्थमिह चागताः 3.72.7'. किमब्रवीच्च नः सर्वान् 3. 53. 14. किमर्थमिह तिष्ठथ 18. 2. 394. किमब्रवीत्तदा सूत 9. 59. 1. किमर्थमिह न प्राप्तः 12.323. 15. किमब्रवीत्वा संग्रामे 14.60. 100. किमर्थमिह संप्राप्ता 4. App. 19.5 pr. किमब्रवीत्पाण्डवेयान् 9. 31. 5. किमर्थमीशं रूपं 13. App. 15. 402 pr. किमब्रवीद्रथोपस्थे 5. 138. 20. किमर्थमुपयाताः स्थ 3. 97.8. किमब्रवीद्वाक्यमदीनसत्त्वः 5. 47. 1. किमर्थमुपशामितः 3. 94.24. किमब्रवीन्महाबाहुः 5. 154. 50. किमर्थमेतन्न निपात्यमुर्ध्या 7. 1022*. 11. किमब्रुवन्नागरिकाः 2. 603*. 3 pr. किमर्थमेतनाख्यातं 7. 50. 60". किमबूतां महात्मानौ 12. 331. 18. किमर्थ कुरुणा कृष्टं 9.52. 3. किमभाषत संजय 8. 5. 964. किमर्थ क्रूरकर्माणं 7. 110. 9". किमभाषत सौवीरः 8. 60*. 1 pr. किमर्थं क्लिश्यसे भद्रे 5. 187. 29". किमभाषन्त संजय 8. 5. 994. किमर्थ खाण्डवं च तत् 1. App. 121. 1 post. किममन्यत दुर्धर्षः 7. 130. 4". किमर्थं च गिरिर्दग्धः 13. 127. 41. किममन्यत सैन्यानि 7. 139. 10. किमर्थं च जगत्सवं 3. 186. 127". किमयं चार्यते वाजी 14. 83.6". किमर्थं च तपस्तेपे 9. 51. 1. किमयं चोद्यतामिति 2. 1. 84. किमर्थं च यः पिण्डाः 13. App. 14. 40 pr. किमयं प्रोषितस्तदा 5. 48. 384. किमर्थं च त्वया ग्रस्त: 3.883*. 1 pr. किमयं लभतामिति 9. 43. 454. किमर्थं च त्वया ब्रह्मन् 1. 42. 3. किमयं वक्ष्यतीति वै 6. 115. 23d. किमर्थं च त्वया विद्धः 3. 40. 19". किमयं सदृशं कंचित् 1. 180. 5. किमर्थं च नरव्याघ्र 7. 11. 9". किमयं स्यन्दनो युक्तः 10. 5. 29. किमर्थं चन्द्ररेखा ते 13. App. 15. 415 pr. किमर्जुन विगर्हसे 7. 168. 31". किमर्थं च पुनर्देव 13. 127. 42". किमर्जुनश्चाप्यकरोत् 7. 25. 20. किमर्थं च प्रदीयते 13. 97.11. किमर्थमनयं घोरं 3. 11. 16. किमर्थं च भयाच्छकः 3. 110.7". किमर्थमनुतप्यसे II. 3. 144. किमर्थं च भवान्सैन्यं 8. App. 5. 49 pr. किमर्थमनुपृच्छसि 12. 308. 127deg; App. 19. 160 post. किमर्थं च महत्पापम् 1. 208. 13deg. किमर्थमनुमन्यते 1. App. 84.9 post. किमर्थं च महीपालान् 12. 8.5deg. किमर्थमनुशोचसि 11.7*. 4 post. ; App. 1. 22 post. किमर्थं च यवक्रीतः 3. 135. 10. किमर्थमनृतं कर्म 12. 192.69. किमर्थं च वयं सन् 1. 310*. 1 pr. किमर्थमपि नेच्छसि 7. 38. 134. किमर्थं च विषादस्ते 7. 57.76. किमर्थमभियाताः स्थ 3. 102. 16. किमर्थं च सदारोऽयं 3. 235. 2. किमर्थमभिसंत्यज्य 12. 18. 16. किमर्थं च सरिच्छ्रेष्ठा 9. 41. 1. किमर्थममरोत्तम 13. App. 15. 1033 post. किमर्थं चागता वनम् 1. 65. 12. किमर्थममितौजसाम् 12. 278. 3. किमर्थ चाध्वरे ब्रह्मन् 12. 327. 12. - 725 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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