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________________ कामं क्रोधं परिग्रहम् ] महाभारतस्थ [कामः क्रोधस्तथा लोभः कामं क्रोधं परिग्रहम् . 6. 40. 53. काम क्रोधं भयं दर्प 13. App. 15. 2432 pr. कामं क्रोधं भयं स्वप्नं 13. App. 15. 4301 pr. कामं खलु जगत्सर्वं 7. 133. 41". कामं खलु न मे रोषः 7. 131. 58*. काम गच्छन्तु कुरवः 4.43.21". कामं गच्छन्तु मे सर्वे 15. 44. 240. कामं च चरितुं शक्तः 12. 161. 12. कामं च जयतां वर 2.5. 10. कामं च ते करिष्यामि 3.70. 18. कामं च न निषेवते 1. 145. 22. कामं च नान्योन्यगुणोपलब्धिः 14. 22. 29. कामं च मम न न्याय्य 1. 44. 6". कामं च व्यपनाशयेत् 5. 178. 37. कामं जित्वा च वै मासं 13. 26.56deg. कामं जित्वा तथा क्रोधं 12. 289. 47". कामं तथा तिष्ठ नरेन्द्र तस्मिन् 3. 180. 34. कामं तदपि वादयन् 2. App. 21.797 post. कामं तदुपसेवेत 5. 39. 47". कामं तव जनार्दन 2. App. 21. 1062 post. कामं तव महाबल 3. 150. 90. कामं तु नः स्वेषु गुणेषु सङ्गः 14. 22. 29". कामं तु मे मारुतस्तत्र वासः 1. 65. 41". कामं तेन गणं त्यजेत् 12. 84. 100. कामं तेऽस्तु यथाजोषं 10. App. 1. 19 pr. कामं त्वत्तो महामुने 13.56. 17'. कामं त्वया परित्यक्ता 1. 68.71". कामं त्वशोचनीयौ तौ 7. 102.220. कामं त्वं तु यथास्थ माम् 9.59. 196. कामं दत्त्वा गुदे दद्यात् 13. App. 10. 102 pr. कामं दास्यामि भोजनम् 1. 1375*.2 post. कामं देवापि मां विप्र 3. 187. 1". कामं देवाश्च ऋषयः 12, 336. 730. कामं धर्मो विधीयताम् 12.297. 200. कामं न खलु शक्योऽहं 8.27.96". कामं नरा जीवितं संत्यजन्ति 12. 139.74. काम नैतत्तवाख्येयं 12. 50. 176. कामं नैतत्प्रशंसन्ति 1. 30. 20. 3. 297.24". 5. 166.50. कामं पूर्व धनं मध्ये 3. 34. 40*. कामं पौत्रो भवेदिति 3. 115. 278. कामं प्रकामं सेव त्वं 4. App. 12. 36 pr. कामं प्राप्तं द्रुतं चर 3. 214.6. कामं प्राप्तः कथंचन 7. 12.90. कामं प्रार्थयसे यं त्वं 1. App. 118.64 pr. कामं प्रीत्या वृषध्वज 3. 41.7. कामं ब्रूहीति तक्षकः 1. 429*. 6 post. कामं भूमिः परायणम् 6. 10. 71'. कामं मत्स्यमुपास्तां हि 4.21. 34. कामं ममोग्रकर्मा वै 13. 4. 44". कामं मोक्षं च तत्त्वतः 1. 1621*.5 post. कामं यथावद्विहितं विधात्रा 13. 106. 41". कामं युद्धात्पितामहाः 5. 186. 224. कामं युध्य परस्यार्थे 6. 41. 79deg.. कामं युध्यस्त्र फल्गुनम् 12. 1. 31d. कामं युध्येत सर्वदा 12. 228*. 4 post. कामं योत्स्ये परस्यार्थे 6. 41. 39,80%. कामं रणशिरस्यद्य 3. 1140*. 1 pr. कामं लिप्सेत भूमिपः 12. 96. 21. कामं वध्यतु मे सैन्यं 6. 103. 89. कामं वर्ष वर्षतु वासवो वा 14. 10. 14. कामं विलप शुष्य च 8.27. 97'. कामं विश्वासयेदन्यान् 12. 137. 25deg. कामं विस्तारयेद्बहून् 6. 19. 44. 12. 101. 448. कामं वृद्धिं समाचरेत् 12. 89. 6. कामं वै सूनृता वाचः 13. App. 1A. 208 pr. कामं व्यध्वगतानपि 2. 66. 24deg. कामं शूद्रस्य द्रव्यतः 12. 159.8. कामं स तव तुष्टात्मा 12. 324. 20deg. कामं सर्व प्रदास्यामि 12. 136. 170deg. कामं संकल्पवर्जनात् 12. 232.5%; 266.5%; 290. 55. कामं संप्रज्वलायैव 1. 216. 30deg. कामं संरक्षते दण्डः 12. 15. 3. कामं स्वपितु बालोऽयं 14.79. 134 कामं स्वर्ग च भारत 12. 12. 12. कामं स्वर्ग नरकं वा व्रजामः 9.58. 11t. कामं हरन्तु मत्स्यानां 4.36.24. कामं हित्वार्थवान्भवति 3. 297. 57. कामः कमलगर्भाभे 1. 161. 80. कामः कमलपत्राक्षि 1. 1728*. 1 pr. कामः कामप्रदः प्रभुः 13. 135. 450. कामः कीर्तिः कुलं यशः 4. App. 3. 29 post. कामः कुरूनसपत्नोऽनुशिष्याम् 5. 30. 46. कामः क्रोधश्च दर्पश्च 12. 153. 6. कामः क्रोधश्च लोभश्च 12. 154. 18%. 14. App. 4. 1694 pr. कामः क्रोधस्तथा लोभः 1. App. 21. 4 pr. 5. 181*. 4 pr. 6. 38. 21. - 696 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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