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________________ कश्मलेनाभिपन्नोऽसि ] श्लोकपादसूची [कस्तत्राधिकमात्मानं कश्मलेनाभिपन्नोऽसि 5. 73. 17. कश्मलेनाभिसंवृतः 9. 28. 18; 171*. 1 post. कश्मलेनाभिसंवृतान् 6. 99. 38. कश्मलेनाभिसंवृताः 7. 129. 20. कश्मलोपहताद्गृहात् 13. App. 14. 290 post. कश्मलोपहतामिव 4. 18. 360 कश्मलोपहते गृहे 13. App. 14. 288 post. कश्यपद्वीपमेव च 6.7. 52. कश्यपश्च प्रजापतिः 3. 187. 6. 6.7. 19. कश्यपश्च महातेजाः 9. 44. 20. कश्यपश्च महानृषिः 12. 201. 316. 13. 92. 20% App. 18. 79 post. कश्यपस्तु महाराज 12. 49. 60". कश्यपस्त्वां यथाब्रवीत् 3. 13. 454. कश्यपस्य ततो वंशे 5. 99. 4. कश्यपस्य द्विजातेश्च 1.27.20. कश्यपस्य पितुश्चैव 12. 306.60". कश्यपस्य प्रजापतेः 1.27.5. कश्यपस्य महात्मनः 1. 32. 11"; 385*. 1 post. 3. 630*. 14 post. कश्यपस्य मुनेः पुत्रः 1. 26. 36deg. कश्यपस्य वचः श्रुत्वा 2. 61.776. कश्यपस्य सुताः सप्त 13. App. 7A. 264A 3 pr. कश्यपस्य सुतो विद्वान् 1. App. 14. 30 pr. कश्यपस्य सुराश्चैव 13. 12. 27. कश्यपस्य सुरासुराः 1. 60. 33. 13. 12.264. कश्यपस्यात्मजः श्रीमान् 3. App. 27. 65. pr. कश्यपस्यात्मजाः स्मृताः 5. 101. 17'. कश्यपस्यात्मजो बली 13. App. 16. 114 post. कश्यपस्यात्मसंभवः 7. 1442*. 5 post. 12. 163. 184. कश्यपस्यात्मसंभवाः 5. 106. 6". 12. 201. 16. कश्यपस्यादितिश्चैव 13. App. 15. 4413 pr. कश्यपं मुनिसत्तमम् 9. 48.8. कश्यपं विनता तदा 1. 14. 9". कश्यपं संशितव्रतम् 1. 27. 156. कश्यपः पुत्रकारणात् 1. 26. 12. कश्यपः पृथिवीं ततः 12. 49. 64. कश्यपातक्षत्रियं वरम् 13. 139.84. कश्यपात्तु इमाः प्रजाः 1. 59. 11'. कश्यपादुत्तमं च ते 1. 14.7. कश्यपाद्भरतर्षभ 1. 93.84. कश्यपाय त्रयोदश 1. 60. 124; 70.8. कश्यपाय ददौ रामः 7. App. 8. 861 pr. कश्यपाय मया दत्ता 1. 121. 19. कश्यपाय महात्मने 3. 114. 18; 117. 12%, 14. कश्यपायाददत्ततः 12. 49. 56*. कश्यपेत्यपरं विदुः 12. 201. 84. कश्यपेन महर्षिणा 12. 202. 6. कश्यपोऽत्रिर्वसिष्ठश्च 13. 94. 4". कश्यपोऽथ प्रजापतिः 1. 27. 16. कश्यपो धर्मपत्नीभ्यां 1. 14. 6. कश्यपो भगवानृषिः 3. 114.21'. कश्यपो भगवान्देवः 5. 108. 39. कश्यपो मां प्रजापतिः 12. 330. 244. कश्यपो वनमाविशत् 1. 14. 11. कषायकटुकानि च 14. 46. 29". कषायमथ साधनम् 13. App. 10. 212 post. कषायवर्जितं ज्ञानं 12. 210. 29". कषाय पाचयित्वा तु 12.237. 30. कषायीकृतलोचनः 1. 1348*. 3 post. कषायोऽम्लः कटुस्तथा 12. 177. 30". कषायो लवणस्तथा 14. 49. 44. कष्टश्चायं परिग्रहः 13. 42. 224. कष्टं कष्टमिति ब्रुवन् 7. 165.784. कष्टं च प्रामुवम्त्येव 13. App. 15. 2097 pr. कष्टं तत्रापि भुञ्जते 13. App. 15. 4651 post. , . 4651 (subst.) 1 pr. कष्टं तीर्वा ध्रुवं लब्ध्वा 2. 626*. 10 pr. कष्टं दुश्चरितं कृतम् 3. 238. 18. कष्टं मया भाषितमित्युवाच 1. 182.24. कष्टं युद्धे दश शेषाः श्रुता मे 1. 1. 1584. कष्टं हीदं व्यवसितं 7.56. 100. कष्टः क्षत्रियधर्मोऽयं 12. 140. 32%. कष्टात्कष्टतरं यान्तु 15. 17. 180. कष्टात्कष्टतरं व्रजेत् 13. App. 14. 200A 12 post. कष्टा दारुणरूपेण 3. 219. 276. कष्टा मे पापसेवनात् 14. 16. 30. कष्टा हृदयशोषणाः 1. 112. 24. कष्टां गच्छेयं तामह राजसिंह 8. 47. 136. कष्टां राज्यस्पृहां विभो 10. App. 1. 2 post. कष्टे वैवस्वतक्षये 13. App. 3.74 post. कष्टो भवेद्व्याधिरिवाक्रियावान् 8. 12. 674. कस्तच्छंसितुमर्हति 12. 8. 146. कस्तरकुर्याजातु कर्म प्रजानन् 5. 25.7. कस्तत्र निन्दकश्चैव 12. 590*. 8 pr. कस्तत्राधिकमात्मानं 12. 129.7deg. - 679.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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