________________ कर्मणा हि स वै पुमान् ] लोकपादसूची [कर्मतो भक्तितश्चैव कणां तु प्रशसन 2. APt. कर्मणा हि स वै पुमान् 5. 131. 224. कर्मणाहुः सिद्धिमेके परत्र 5. 29.5deg. कर्मणा ह्यनुरूपेण 7. 89. 22deg. कर्मणां करणेषु च 12. 126*. 3 post. कर्मणां गतिमाश्रित्य 13. App. 15. 2216 pr. कर्मणां गहनां गतिम् 2. App. 21. 38 post. कर्मणां च प्रवर्तनम् 12. 672*. 1 post. कर्मणां च फलं ध्रुवम् 3. 178. 8. कर्मणां च फलोदयः 12. 211. 21. कर्मणां तात पुण्यानां 18.3.21". कर्मणां तु प्रशस्तानां 5. 38. 21". कर्मणां त्वल्पदर्शनः 2. App. 20. 2A 1 post. कर्मणां दक्षिणावताम् 12. 226. 2. . कर्मणां दिवि चेह च 7. App. 18. 34 post. कर्मणां नाश्नुते फलम् 10. 2. 16. कर्मणां पार्थ पापानां 3. 158. 12. कर्मणां पार्थ सर्वेषां 3. 812*. 1 pr. कर्मणां प्रतिपन्नेऽर्थे 7. 308*. 3 pr. कर्मणां प्राकृतानां वै 3. 200. 22. कर्मणां फलमश्नुते 13. App. TA. 17 post. कर्मणां फलमस्तीति 3.32. 31,370. 13. 13.50. कर्मणां फलमुत्तमम् 3. 34. 37'. कर्मणां फलसङ्गिनम् 12. 169. 20.. कर्मणां फलसंचये 3. 198. 81. 13. 132. 37. कर्मणां भरणं तथा 13. App. 15. 3781 post. कर्मणां मा पुनर्वद 7. 169. 31". कर्मणां मे समस्तानां 13.7.1". कर्मणां लोकसाक्षिकम् 3. 33.64. कर्मणां विषयं कृत्स्नं 12. 215. 24'. कर्मणां विस्तरं श्रोतुं 3. 98. 1. कर्मणी च शुभाशुभे 12. 290. 90'. कर्मणी स्वकृते नरः 14. 17. 4. कर्मणे धैर्यमास्थितः 7. 167. 25deg. कर्मणे न त्ववेक्षसे 12. 140. 24. कर्मणे सपदानुगः 7. 105. 22". कर्मणेह यवीयसे 12. 146. 12. कर्मणेहोपपादय 1. 111. 19deg. कर्मणैतेन नाशय 1. 130. 20f. कर्मणैतेन राजेन्द्र 2. 42. 36deg. कर्मणैनो गमिष्यति 12. 67. 23. कर्मणैव शुभाशुभम् 13. App. 15. 2368 post. कर्मणैव हि संसिद्धिम् 6. 25. 20. कर्मणैवेह प्लवते मातरिश्वा 5. 29.8. 111111111111111111111111111111011114 कर्मणो दृश्यते फलम् 3. 206. 23. कर्मणो नोपपद्यते 6. 40.78. 12. 84. 27. कर्मणोऽन्ते महारथः 18. 5. 17. कर्मणोऽन्ते विवेश ह 18. 24*. 2 post. कर्मणोरिव वैफल्यं 8. B. 6. कर्मणो लभ्यतां त्वया 7. 88*. 1 post. कर्मणो विरराम ह 12. 48.9". कर्मणो विवरं कुर्वन् 12. 205.5deg. कर्मणोऽस्य द्विजोत्तम 3. 199. 34. कर्मणो हि कृतस्येह 13. App. 3. 48 pr. कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं 6. 26. 17". कर्मणोः शुभपापयोः 5. 156. 14. 11. 18. 10. ___12. 32. 16. कर्मणोः श्रेष्ठमित्युत 13. 6. 3. कर्मण्यकर्म यः पश्येत् 6. 26. 18%. कर्मण्यथ ततः कृरे 1. 1039*. 1 pr. कर्मण्यभिप्रवृत्तोऽपि 6. 26. 20deg. कर्मण्यवसिते तस्मिन् 1. 111. 35". कर्मण्यसुकरे सक्तं 7. 8. 28deg. कर्मण्यस्मिन्नसंसिद्ध 1. 179. 6deg. कर्मण्यस्मिन्महाभाग 13. 1. 80. कर्मण्यस्मिस्तक्षको नैति तावत् 1. 51. 34. कर्मण्यात्मा प्रवर्तते 14. 18. 3*. कर्मण्यानि शृणु प्रिये 13. App. 15. 3684 post. कर्मण्याश्चौषधीस्तथा 12. 323. 41'. कर्मण्येवाधिकारस्ते 6. 24. 47. कर्मण्येषा प्रतिष्ठिता 12. 20. 4. कर्म तत्कुरुते तर्षात् 12. 204. 10%. कर्म तत्तस्य याजकाः 18. 5. 27'. कर्म तत्त्वं समाचक्ष्व 4. 64*. 1 pr. कर्म तत्फल्गुनस्य ह 3. 39. 25'. कर्म तत्स्मर्तुमर्हसि 5. 21. 16. कर्म तवयत्येनं 12. 285. 34. कर्म तद्यक्षरक्षसाम् 3. 296. 354. कर्म तन्नाचरेदुधः 12. 95. 10deg. कर्म तस्य महात्मनः 7. 725*. 3 post. कर्मतः शीलतो वापि 8. 35. 57. कर्मतः सोऽश्नुते फलम् 13. 541*. 2 post. कर्म तात सुपूजिताः 12. 109. 4. कर्म तासु विधाय च 10. 3. 18. कर्म तीव्र हिताय वः 5. 164. 14. कर्मतोऽन्यानि गोत्राणि 12. 285. 18%. कर्मतो भक्तितश्चैव 1. 1239*. 1 pr. - 665 - पादसूची-84