________________ अथ भूतिः सुमध्यमे] श्लोकपादसूची [अथ राष्ट्रमुपायेन अथ भूतिः सुमध्यमे 4. App. 12. 9 post. अथ भूयांसमेवार्थ 12. 83. 32". अथ भूयो जगत्स्रष्टा 12.337. 374. अथ भूयोऽपि मायां सः 3.274.7. अथ भूयो महाराज 9. 11. 500. अथ भोजस्त्वसंभ्रान्तः 7. 88.51". अथ भ्रष्टतनूजाङ्गं5. 111.4. अथ भ्रातरमब्रवीत् 7. 280*. 2 post. अथ मडुकभेरिमहामुरजाः 7. 118*. 1. अथ मत्स्यस्य मूर्धनि 3. 185. 37. अथ मत्स्योऽब्रवीत्कई 4. 65. 5. अथ मत्स्योऽब्रवीद्राजा 4. 30. 196. अथ मत्स्यो मनुं दृष्ट्वा 3. 185. 14". अथ मद्राधिपो राजा 3.278. 1". अथ मातश्च तिष्ठ त्वं 13. App. 20. 214 pr. अथ माता सुता चापि 13. 26*. 1 pr. अथ मातृगणः सर्वः 3. 219. 14". अथ मानयितुर्दातुः 12. 93. 17. अथ मामब्रवीद्भूयः 13. 144. 190. अथ मामब्रवीद्रामः 5. 178. 120. अथ मामस्पृशन्यूप्रिं 5. 17. 11'. अथ मायां पुनर्देवाः 1. 201. 120. अथ मासे चतुर्थे तु 4. 12. 120. अथ माहेश्वरी धारा 3. 82. 101. अथ मां कश्मलाविष्टं 5. 181. 15. अथ मां कासि कस्येति 12. 308. 1276. अथ मां तत्र कैकेयी 4. App. 21. 1 pr. अथ मां पुरुषः कश्चित् 3. 22. 10. अथ मां हरिवाहनः 3. 165. 1. अथ मुक्तं स्त्रिया तदा 3. 213.64. अथ मुक्ता भयात्कृष्णा 4. 23. 11". अथ मूर्धसु यः प्राणान् 13. App. 11. 205 pr. अथ मृत्योर्मूत इति 5. 282*. 2 pr. अथ मृदिततमाय्यदाममाल्यं 7.373.7. अथ मेघस्वनो धीमान् 3. 42. 160. अथ मे भवति ज्वरः 4. 18.274. अथ मेऽभूच्छिरोदुःखं 3. 282. 30deg. अथ मोदागिरी चैव 2. 27. 196. अथ मोदिष्यसे स्वर्गे 13. 119. 229. अथ यज्ञविभूति तां 2. 50. 4". अथ यज्ञं समाप्यान्ते 2. 406*. 11 pr. अथ यत्रैनमासीनं 4. 4. 11". अथ यदुःखसंयुक्तं 12. 187. 310. अथ यद्यद्यदा भावि 12.203. 16". अथ यन्मोहसंयुक्तं 12. 187. 320 ; 212. 31". अथ यस्तु सहायार्थ 13. App. 15. 1173 pr. अथ यः क्षत्रियो राजा 12.96.64. अथ यः स्वार्थमुत्सृज्य 12. 308. 93". अथ यान्रथिनो राजन् 7. 8. 194. अथ या सुदुहा राजन् 5.34. 33. अथ यास्यामि तत्र वै 5. 174. 26". अथ युद्ध समभवत् 12. 33.5. 639. अथ युधिष्ठिरो राजा 3. App. 25. 68A I pr. अथ यूयं बहुत्वात्तान् 3. 228. 12. अथ ये कर्म निन्दन्तः 12. 11. 16". अथ येनाहितो गर्भः 13. App. TA.7 pr. अथ ये नैव कुर्वन्ति 5. 133. 24. अथ ये परदारेषु 13. App. TA. 132 pr. अथ ये बुद्धिमप्राप्ताः 12. 168. 27. अथ येषामधर्मज्ञः 13. 61. 384. अथ येषां पुनः पाणी 12. 173. 134. अथ येषां पुनः प्राज्ञः 13.61. 40M. अथ ये सहिता वृक्षाः 5. 36.610. अथ योगाद्विमुच्यन्ते 12. 228. 374. अथ यो गुणसंपन्नान् 5. 89.81". 12.91. 334. अथ यो.धर्मतः पाति 12.86. 15. अथ यो नैव प्रब्रूयात् 5. 35. 23". अथ यो नैव विब्रूयात् 5. 214*. 1 pr. अथ यो ब्राह्मणाक्रुष्टः 13.31.23. अथ यो विजिगीषेत 12. 96. 1". अथ यो विनिकुर्वीत 13. 108.70. अथ योऽसौ तृतीयो वः 3.72. 100. अथ रक्षा न मे संख्ये 7.53. 160. अथ राजन्नतिक्रम्य 2. App. 12. 10 pr अथ राजन्महाबाहुः 6.70. 1. अथ राजन्यवैश्याभ्यां 13. 24. 431. अथ राजा त्रिगर्तानां 4.29. 10. अथ राजान्वबुध्यत 7.58. 14. अथ राजाब्रवीद्वृद्धः 15.58*. 1 pr. अथ राजा युधिष्ठिरः 3. 1370*.2 post. अथ राजा विवर्धयेत् 12. 131.54. अथ राजासने कस्मात् 4. 65.6. अथ रात्रिंदिनं चाहं 3.33*3 pr. अथ राज्यां व्यतीतापाम् 1. 137. 1"; 1313*.3pr.; App. 92. 1 pr. अथ राष्ट्रमुपायेन 12. 72. 184. -55