________________ कविदास्ते सुखं भवान् ] महाभारतस्थ. [कञ्चिद्वां कुशलं गृहे कच्चिदास्ते सुखं भवान् 8. 1. 29deg. कच्चिदेकः शिबीनाढ्यान् 3. 1200*. 2 pr. कञ्चिदेतच्छ्रतं पार्थ 6. 40. 72". कञ्चिदेतत्त्वया पार्थ 14. 19. 50%. कञ्चिदेतेऽपि सान्त्विताः 15. 35. 7t. कञ्चिदेतैर्महादोषैः 5. 33. 14". कच्चिदेषा च ते बुद्धिः 2.5.91". कच्चिदेषा न शोचति 15. 35.5*. कञ्चिदेवां प्रियो राजा 12. 83. 51'. कञ्चिदेषां सुखावहम् 5. 88. 56*. कञ्चिद्गच्छेदनामयम् 12. 106. 224. कञ्चिद्गर्भः सुखोदयः 13. 84. 66'. कच्चिद्गाण्डीवतः प्राणाः 7.78.76. कञ्चिद्गाण्डीवशब्देन 7. 9. 10. कञ्चिद्गात्रं न दूयते 12. 50. 14. कच्चिद्गुह्यं न भाषसे 2. 5.736. कच्चिद्गृहानावसथाप्रमत्ताः 5. 30. 32. कच्चिद्दण्ड्येषु यमवत् 2. 5. 780. कच्चिद्दर्शयसे नित्यं 2. 5. 76. कञ्चिद्दायाननुच्छिद्य 15. 33. 3deg. कच्चिदायान्मामकान्धार्तराष्ट्र: 5. 23. 15. कञ्चिद्दारान्मनुष्याणां 2. 5. 44". कञ्चिहर्गाणि सर्वाणि 2. 5. 25". कच्चिर्योधनः सूत 7. 100. 23deg ; App. 19. 2 pr. 8. 3. 12. कञ्चिदुर्योधनो मन्दः 7. 103. 467, 47. कच्चियोधनो राजा 7. 103. 45. 9. 28. 56deg. कच्चिदृष्टस्त्वया नलः 3. 61. 51'. कच्चिदृष्टस्त्वयारण्ये 3. 61. 27. कच्चिदृष्टा त्वया राजन् 3. 53. 14". कच्चिदृष्टोऽचलश्रेष्ठ 3. 61. 50deg. कच्चिदृष्ट्वा दस्युसंघान्समेतान् 5. 23. 19. कञ्चिद्देवानां सुखकामोऽसि विप्र 14.9. 12. कच्चिद्देवाश्चास्य वशे यथावत् 14.9. 13. कञ्चिद्देवास्त्वां परिपालयन्ति 14.9. 1. कञ्चिद्रोणो न नः सर्वान् 7. 164. 64". कञ्चिविषामविदितः 2. 5. 28deg. कच्चिद्वतस्तस्य न वै तथा रथः 8. 46. 374. कच्चिद्धर्मपरो भीमः 1. App. 114. 130 pr. कच्चिद्धर्मसुतो राजा 15. 35.7%. कञ्चिद्धर्मः स्वनुष्ठितः 5.81. 62. कच्चिद्धमें च वर्तसे 3. 156.6.. कञ्चिद्ध में त्रयीमूले 2. 5. 87.. कञ्चिद्धातुं च दुष्कृतम् 3. 156. 8. कच्चिद्धतं चाग्निहोत्रं त्वयाद्य 3. 111. 21'. कञ्चिद्धृदि न ते शोकः 15. 35. 30. कच्चिष्टश्च शूरश्च 2.5. 360. कञ्चिद्धौम्यस्त्वदाचारैः 3. 156. 10". कच्चिडवं शत्रुरथं महात्मा 8.652*. 5. कच्चिदलस्य ते मुख्याः 2. 5. 37deg. कच्चिद्वलस्य भक्तं च 2. 5. 38": कञ्चिद्वलेनानुगताः 2. 5. 72. कञ्चिद्वीजं च भक्तं च 2.6.680. कञ्चिहुद्धिं दृढां कृत्वा 15. 35. 40. कच्चिद्भगवता दृष्टा 1. App. 114. 128 pr. कञ्चिद्भगवतामिह 3. 61. 66. कच्चिद्गगवतां पुण्यं 3. 61. 820. कञ्चिगनो धार्तराष्ट्रस्य बाहुः 8. 46. 364. कच्चिद्भयादुपनतं 2. 5. 45". कच्चिद्भवान्रमते चाश्रमेऽस्मिन् 3. 111.. कच्चिगीमः कुशली पाण्डवाग्यः 5. 23. 4. कञ्चिद्रीष्मेण नो वैरं 7. 103. 48%.. कञ्चिद्दोगान्धार्तराष्ट्रो ददाति 5. 30. 38. कञ्चिद्यजसि राजेन्द्र 15. 33.6%.' कच्चिद्रक्ताम्बरधराः 2. 5.77%. कञ्चिद्रणे फल्गुन तं निहत्य 8. 653*. 3. कश्चिद्राजगुणैः षभिः 2.5. 11. 12. 308*. 3 pr. कच्चिद्राजन्कृतान्येव 2. 5. 220. कच्चिद्राजन्न निर्वेदात् 3. 43. 13. कच्चिद्राजपुरन्ध्रीभिः 2. 68*.4 pr. कञ्चिद्राजर्षियातेन 3. 156. 11. कच्चिद्राजर्षिवंशोऽयं 15. 33. 90. कच्चिद्गाजा धृतराष्ट्रः सपुत्रः 5.23.9, 16, 18%. कच्चिद्राजा ब्राह्मणानां यथावत् 5. 23. 15. कश्चिद्राज्ञः प्रियाः प्रजाः 12.83. 514. कञ्चिद्राज्यं धृतराष्ट्र सपुत्रं 5. 130*. 3. कच्चिद्राष्ट्रे च मे यशः 12. 90. 15'. कच्चिद्राष्ट्रे तडागानि 2.5.67%. कञ्चिद्रोचेजनपदे 12. 90. 15. कञ्चिद्वचः प्रतिगृह्णाति तच्च 14. 9. 214. कञ्चिद्वचोऽस्य वितथं त्वया कृतं 8.652*. 1. कच्चिद्वधूश्च गान्धारी 15. 35. 4. कञ्चिद्वर्तसि पौराणी 15. 33. 30. कञ्चिद्वः कुशलं गृहे 2. 349*. 4 post. कच्चिद्वः कुशलं नित्यं 1. 324*.2 pr. कञ्चिद्वां कुशलं गृहे 3. 204. 14. -608