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________________ एवं धूपप्रदानं च] महाभारतस्थ [एवं पुत्रशतं जज्ञे 10 . एवं धूपप्रदानं च 13. 103. 70. एवं निश्चित्य मनसा 7. 102.24".. एवं धृतिमतः साधोः 10. 15. 22". एवं निहत्य भगवान् 3. App. 27. 63 pr. एवं ध्यायन्ति विद्वांसः 13. 14. 181. एवं निहत्य समरे 3. 23. 40". एवं न दग्धः स मया 13. 102. 18%. एवं निहन्यमानः सन् 1. App. 93. 21 pr. एवं नदी महाराज 3. App. 21A. 124 pr. एवं निःक्षत्रिये लोके 1. 1034*. 1 pr. एवं न पापं प्राप्स्यामि 8. App. 2. 12 pr. एवं नूनं व्यदधात्संविधाता 2. 60. 13. एवं न प्रतिपद्यन्ते 12. App. 18. 62 pr. एवं नूनं हते वृत्रे 9. 60. 150. एवं नराणां मनसि 12. 187. 22. एवं नृशंसः परुषाणि पार्थान् 2. 68. 14. एवं नरो वर्तमानः 13.37. 17. एवं न्यायानुगं वृत्तं 13. App. 15. 995 pr. एवं नलं समादिश्य 3. 63. 24. एवं पक्ककषायाणां 12. 262. 26. एवं नलः सान्त्वयित्वा 3.77.24". एवं पञ्चत्रिका ह्येते 12. 212. 24".. एवं नवविधो ज्ञेयः 12. 177.28. एवं पतति संसारे 3. 2. 670. एवं न व्यथते प्राज्ञः 12. 105. 13. एवं परमसंबोधात् 12. 295. 38. एवं न शक्यते लब्धं 5. 112. 4".. एवं परस्परं तौ तु 1. 1779*. 1 pr. एवं न शक्यमप्राप्यं 5. 117.8". एवं परंपराख्यातं 12. 854*. 1 pr. एवं न संप्रकुप्यन्ते 12. 88. 23deg. एवं परंपराप्राप्तं 6.26.2". . . एवं न स्त्री न चैवाई 12. 258. 47". एवं पराजिताः सर्वे 1. App. 103.7 pr. . . एवं नः शाश्वती श्रुतिः 12. 262. 26. एवं परिमितं कालं 12. 232. 20%. एवं नातिमहान्कालः 14. 14. 13. एवं परिहरिष्यन्ति 4. 154*. 1 pr. एवं नानार्थसंयोग 12. App. 20. 133 pr. एवं परिहृतं भवेत् 2. App. 6.34 post. एवं नानाविध द्रव्यं 13. App. 15. 3414 pr. एवं परुषितस्तेन 7. 133. 24deg. . एवं नानाविधानेन 13. App. 15. 4214 pr. एवं परैराचरितं 7. 169. 38". . एवं नानाविधैर्द्रव्यैः 13. App. 15. 4385 pr. एवं पर्याकुले लोके 3. 188. 720. 12. 15. 524. एवं नाम युधिष्ठिर 13. App. 9A. 60 post. एवं पर्यायशो दुःखं 12. 758*. 1 pr. एवं नामामिनिर्वृत्तं 1. 2. 11".. एवं पशुवराहाणां 1. App. 53. 20 pr. एवं नार्यों न दुष्यन्ति 13. App. TA. 116 pr., 227 pr.. एवं पश्यन्तमात्मानं 12. 596*. 3 pr. एवं नाहं न वै मृत्युः 13. 1. 69"... एवं पश्यन्हृषीकेशः 16. 3. 16%. एवं निकायैस्तैर्दुग्धा 7. App. 8. 815 pr. एवं पश्य॑ प्रपश्यन्ति 12. 294. 25. एवं नित्यं प्रबर्धते 13. App. 2425 pr.. एवं पश्यामि वार्ष्णेय 9. 23. 46". एवं नित्याभियुक्तानां 13. App. 15. 4363 pr. एवं पाण्डोः सुताः पञ्च 1. 115. 25*. एवं निपातिते कर्णे 9. 1. 1". एवं पात्रेषु नानात्वं 13. App. 15. 3141 pr. एवं नियुञ्जतस्तस्य 13. App. 15. 4293 pr. एवं पापमपोहति 13. App. 14. 112 post. एवं निर्जित्य तरसा 2. 28. 54". एवं पापयुतं कर्म 13. App. 15. 2812 pr: एवं निर्जित्य तान्वीरान् 14. 151*. 1 pr. एवं पापैर्विमुक्तस्त्वं 13. 60. 16". एवं निर्जित्य पृथिवीं 2. App. 16. 1 pr. एवं पार्थस्ततश्चके 7.539*. 1 pr. एवं निर्दिश्य चात्मानं 4.26*. 1 pr. एवं पार्थो व्यपायात्सः 8. 33. 35%. एवं निर्बध्यमानस्तु 1, 332*.2 pr. एवं पितामहः पूर्वम् 1. 44. 4. एवं निर्वर्त्य चोद्वाहं 5.2*. 1 pr... एवं पितामहेनोक्तः 14.61. 16%. एवं निर्वेदमादत्ते 3. 200. 50%. एवं पितुश्चापचितिं 1. 3. 191". एवं निवसमानायां 4. 221*. 1 pr. एवं पुण्यकृतां लोकान् 13. App. 15. 3790 pr. एवं निवेद्य तान्पार्थान् 4.1137*. 1 pr. एवं पुण्येषु मासेषु 13. App. 15. 3115 pr. एवं निवेश्य देवास्तु 1. App. 114. 303 pr. एवं पुत्रकलत्रेषु 12. 595*. 1 pr. एवं निश्चित्य भगवान् 9. 41. 12". एवं पुत्रशतं जज्ञे 1. 107. 37. - 576 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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