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________________ एतैस्तु वर्धते तेजः] लोकपादसूची [एमिन्यैरह हीनः ME एतैस्तु वर्धते तेजः 13. App. 15. 4236 pr. एतैस्तु विपरीतायाः 4. 120*.74 pr. एतैस्तेषां भवेद्विप्नः 13. App. 15. 4303 pr. एतैस्त्वं सहितः सर्वैः 2. 44. 11. एतैः कर्मगुणों के 13. 84.74". एतैः कर्मफलैर्देवि 13. 131. 45*. एतैः क्षीणैश्च क्षीयते 12. 330. 22. एतैः परप्रेष्यनियोगयुक्तः 5.8*. 1. एतैः पावय चात्मानं 13. 615*. 8 pr. एतैः प्राप्नोति यत्परम् 12. 262. 38. एतैः शब्दैर्गम्यते बुद्धिनेत्रैः 12. 262. 45. एतैः समेत्य कर्तव्यं 5. 37. 12. एतैः सर्वैः समायुक्तः 12. 316. 47*. एतैः सर्वैः समायुक्ताः 12. 768*. 4 pr. एतैः सह महाभाग 3. 1051*.1 pr. एतैः सहायैरुपयाति राजा 3. 249. 136. एतैः संमार्जयेत्कायं 13. App. 15. 2961 pr. एतौ कृष्णधनंजयौ 8. 421*. 2 post. एतौ च पुरुषव्याघ्रौ 8. 31. 656. एतौ तौ नरराक्षसौ 1. 142. 124. एतौ तौ पुरुषव्याघ्रौ 5. 163.7*. एतौ द्वौ विबुधश्रेष्ठौ 12. 328. 17. एतौ धर्मार्थशास्त्रेषु 12. 135. 224. एतौ धारयतस्तदा 1. 257*. 1 post. एतौ पार्षतसात्यकी 7. 147. 23. एतौ पुष्पैः फलै रत्नैः 3. 204. 20. एतौ बुद्धिमवेक्ष्य च 5. 113. 44. एतौ मूलं हि दुःखानां 7. 158. 45". एतौ मे दैवतं परम् 3. 204. 17. एतौ मे परमं ब्रह्मन् 3. 204. 20%. एतौ रणे समासाद्य 7. 158. 45deg. एतौ हि कर्मणा लोकान् 5. 48. 9", 21": एतौ हि नित्यसंयुक्तौ 12. 74. 11". एतौ हि परमं धाम 12. 321. 19". एतौ हि पुरुषव्याघ्रौ 1. 199. 4. एतौ हि बलिनौ शूरौ 7. 147. 26. एत्य नो नार्जुनो गर्हेत् 7. 34. 14. एत्य यादवनन्दन 3. 13. 23. एत्य यादवनन्दनः 2. App. 21. 320 post. एत्य वृष्णिविनाकृताम् 1. 2. 223. एधते ज्ञातिषु स वै 2.50. 26deg. एधम्ते ज्ञातिनः सुखम् 12.82. 30'. एभन्ते बान्धवाः सुखम् 5. 131. 41. एधन्ते शाश्वतीः समाः 3. 198. 86. एनमष्टशताः सूताः 4. 65. 13". एनमाश्रित्य पुत्रस्ते 5. 48. 35%. एनमासाद्य राजानः 2. 17. 15%. एनमेव समारुज्य 4. 32. 16. एनसश्च प्रमुच्यते 13. 123. 8. एनसस्तद्वदस्व मे 12. 146. 14. एनसः प्रतिमुच्यते 3. 36. 334. एनसा च न योगं त्वं 5. 184. 14". एनसा तेन नान्यं सः 6. 16.26. एनसा न सदैवं वा 5. 156. 9. एनसा युज्यते राजा 12. 25. 18. एनसा संप्रयुज्यते 13. App. 10. 188 post. . एनसो मोक्षमामोति 12. 159. 65*. एनं कृष्णं जगत्पतिम् 12. App. 17A. 145 post. एनं क्षेप्स्यामि वृत्रस्य 5. 10. 37deg. एनं च त्वं विजानीहि 18. 4. 12. एनं जहि महाबाहो 8. App. 18. 110A 4 pr. एनं जित्वा पुनः सूत 7.627*. 4 pr. एनं त्वहरहरु 3. 829*. 1 pr. एनं दशसहस्राणि 4. 65. 110 एनं नित्यमुपासन्त 4.65. 14". एनं पर्वतराजानं 3. 135. 4". एनं पश्य धनंजय 7. 77.1. एनं पश्यामि संयुगे 4. 1141*. 4 post. एनं प्राप्य दुरात्मानं 9. 23. 42. एनं रक्षत राजानं 8. 34. 6. एनं वधियामि रिपुं 7. 291*. 3 pr. एनं संक्षेपतः शृणु 6. 22*. 1 post. एनं सुचरितव्रतम् 4. 65. 160. एन सेनापतिं कृत्वा 9. 5. 20%. एनं हत्वा निहन्तासि 8. 13. 4". एनं हत्वा शितैर्बाणैः 9. 26. 8. एनं हि विपुलपाणे 3. 12. 37. एनं हि स्वरसंपन्नाः 4. 17. 19%. एनामारोपयामासुः 1. App. 98. 27 pr. . एनां पृच्छामि तरुणीं 12. App. 17A. 53 pr. .. एनो गच्छति कर्तारं 2. 61. 71deg. 5. 214*. 6 pr. एमिरुक्तं यथा नाम 13. 95. 45%. एमिरेव तु विज्ञातैः 12. 157. 13. . एमिर्गुणगणैर्युतः 12. 86.64. एभिष्टर्द्विजोत्तमाः 12. 323. 474. एमिन्यैरह हीनः 8. 22. 49. - 555 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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