________________ अत्यन्तं पूर्ववैरिणम् ] श्लोकपादसूची [अत्र किं प्रतिभाति ते अत्यन्तं पूर्ववैरिणम् 6. 80. 47. अत्यन्तं यो न बुध्यते 12. 94. 30. अत्यन्तं श्रीमति कुले 13. 122. 1. अत्यन्तं श्रीनिषेवते 5. 34. 5643; 127. 294. अत्यन्त सख्यमिच्छामि 1. 126. 386. अत्यन्तं सुखमश्नुते 6. 28. 284. अत्यन्तं सुखमिच्छता 13. 33. 24. अत्यन्तानुगतं शुचिम् 12. 94. 14. अत्यन्तापचितैः शूरैः 7. 85.73. अत्यन्तापदि शक्तानां 13. 319*. 1 pr. अत्यन्ताय नरो भुवि 3. 191. 23. अत्यन्योपचितान्या त्वं 8.51.56%. अत्यन्यान्पुरुषांश्चापि 1. 1883*.2 pr. अत्यन्यान्बलवानासीत् 1. 102. 19. अत्यन्यानेष देशो हि 1. 57. 90. अत्यन्यान्पर्वतान्राजन् 3. 85. 16%. अत्यन्यान्पुरुषव्याघ्रान् 1. 15. 100. अत्यन्यान्पृथिवीपालान् 1. 103. 1. [अ]त्ययं पुत्राननुभ्रमन् 5. 35. 324. [अ]त्ययं ब्रह्मबलार्दितः 13. 41. 254. अत्यराजत तेजस्वी 7. 146. 48. अत्यरिच्यत तासां तु 9.34. 42. अत्यरिच्यत दारिद्र्यं 12. 170. 10. अत्यरिच्यन्त दक्षिणाः 12.29.204, 3d. अत्यरोचत तान्सर्वान् 7.22.634. अत्यरोचत भूतात्मा 2. App. 21. 345 pr. अत्यरोचत सौभद्रः 6. 69.29. अत्यरोचश्च भूतात्मन् 3. 13. 25. अत्यानलदीप्तं तत् 3. 160. 190. अत्यर्जुनं शिनेः पौत्रः 7. 96. 28. अत्यर्थमकरोद्रौद्रं 11. 18. 286. अत्यर्थमपि वा भुङ्क्ते 14. 17. 9. अत्यर्थमिव संक्रुद्धः 7.79. 23. अत्यर्थमुपतिष्ठन्ति 7.61. 150. अत्यर्थमुपशोभितम् 3.77. 294. अत्यर्थ कोपनो राजा 9. 63.2". अत्यर्थं च ह्यगर्जताम् 7. 108. 284. अत्यर्थ तौ ननन्दतुः 12. 221. 84deg. अत्यर्थे पुनरुत्सर्गः 5. 39. 38. अत्यर्थं प्रतिगृह्याहं 3. 164. 576. अत्यर्थं प्रियदर्शनम् 8. 40. 1064. अत्यर्थं प्रीतिमानहम् 13. 14. 176". अत्यर्थं बलवानूष्मा 14. 17. 16%. अत्यर्थं भ्राजते कृष्णे 8. App. 7. 4 pr. अत्यर्थं रुचिरप्रभम् 4. 339*. 3 post. अत्यर्थं वा प्रनष्टास्ते 4. 29. 185. अत्यर्थं शिशुमांसेन 3. 219. 29. अत्यल्पफलनिर्योगम् 13. App. 15.3182 pr. अत्यल्पमपि यद्दानं 13. App. 15. 3179 pr. अत्यागश्चाभिमानश्च 14. 36. 186. अत्याज्यमस्य जानामि 5. 85. 12. अत्याढ्यांश्चातिशूरांश्च 12. 84. 20. अत्यादित्यप्रकाशार्चिः 13. App. 3A. 239 pr. अत्यादित्यप्रकाशेन 14. App. 4. 1407 pr. अत्यायं चातिमानं च 12.91.29. अत्यार्यमतिदातारं 5. 39. 50". अत्यार्यमतिधार्मिकम् 12.76. 19. अत्यालापमसंतोष 3. 1095*. 1 pr. अत्याशं च विवर्जयेत् 13. 514*. 1 post. अत्याशित्वमकारुण्यं 12. 301. 21'. अत्याशी नास्तिकोऽदाता 3. App. 4. 20 pr. अत्याशी नास्तिकोऽदान्तः 3. App. 3. 9 pr. अत्याशुगं वेगवदाशुकर्तृ 4. App. 53. 24. अत्याश्चर्यमिमं देव 12. App. 17C. 130 pr. अत्याश्रममिदं व्रतम् 12. App. 28. 406 post. अत्याश्रमानयं सर्वान् 12. 12. 6". अत्यासन्नं मद्गतं मन्यतेऽर्थम् 5. 26. 194. अत्यासन्ना हयारोहाः 6. 101. 21". अत्याहितं चिन्तयित्वा 4.24. 18. अत्याहितं दर्शयन्तः 6. 3. 12. अत्याहितं वा गूढास्ते 4.25. 15. अत्युक्तमपि मे सर्व 3. 197.420. अत्युग्रं च प्रपश्यन्ति 6.2. 180. अत्युग्रं तेजसा तेजः 13. 16. 13%. अत्युग्रप्रतिपिटैश्च 10. 8. 720. अत्युग्रमनिवारणम् 7. 1105*. 1 post. अत्युन्मादसमारम्भाः 4. App. 12. 33 pr. अत्युष्णमेव त्वरिता 3. 73.21. अत्येति तत्सर्वमिदं विदित्वा 6. 30. 28. अत्येति सर्वदुःखानि 12. 199. 136. अत्र कर्मान्तवचनं 12. 132. 14. अत्र कस्यास्ति संशयः 9. App. 2. 14 post. अत्र काञ्चनशैलस्य 5. 108. 10%. अत्र कामश्च रोषश्च 5. 109.76. अत्र कार्य समाधत्स्व 7. 97.52". अत्र किं प्रतिभाति ते 3. 199. 13. -45