________________ उवाचेदं वचो देवैः] श्लोकपादसूची [ उशीरबीजं मैनाकं उवाचेदं वचो देवैः 14. 5. 15. उवाचेदं वचो भीष्मः 2. 37.5deg. उवाचेदं वचो राजन् 2. 41. 24deg. उवाचेदं वचोऽर्जुनम् 2. App. 11. 3 post. उवाचेदं वृकोदरम् 1. 142. 32". उवाचेदं शुचिस्मिताम् 1. 1219*. 2 post. उवाचेदं सहसैवोपगम्य 2. 68. 15. उवाचेदं सुदुःखितः 12. 28*. 2 post. उवाचेन्द्रव्यपेक्षया 12. 31. 19". उवाचनं महाप्राज्ञः 4. App. 1. 6 (subst.) 1 pr. उवाचैनं वचः काले 1. 3. 180deg. उवाचैनानथ तदा 1. 131. 6deg. उवाचोच्चैस्तदा वाक्यं 17. 3. 25. उवाचोमा प्रणिहिता 13. 16. 4. उवास कतिचित्तत्र 2. App. 21. 855A 1 pr. उवास किल तां रात्रिं 12. 344.78. उवास गिरिपृष्ठेषु 1. 106. 80. उवास गौतमो यत्र 12. 127.3. उवास च क्षपामेकां 9. 51. 18. उवास च तया सह 1.67. 194. उवास च यथानिल: 1. App. 100. 38 post. उवासच स्वयं यत्र 3.93. 11. उवास जनमेजय 2. 28.554. उवास तत्र नियतः 13. App. 9A. 22 pr. उवास तत्रैव सुखं नरेश्वरः 4.9. 15. उवास दुःखवसतीः 3. 264. 42". उवास नगरे तस्मिन्, 1. 207. 23. 4. 224*. 1 pr. उवास नगरे रम्ये 1.213.576. उवास परमप्रीतः 3. 80. 46. उवास बहुलाः समाः 2. 3. 94. 6. 7. 41. उवास भक्ष्यभॊज्यैश्च 1. App. 114. 84 pr. उवास भगवान्वायुः 7. 18. 23deg. उवास भवने तत्र 1. 48. 18. उवास भवने पितुः 3. 45. 3'. उवास मुदितस्तत्र 13. 22. 19. उबास रक्षणे युक्तः 13. 40. 580. उवास रजनीं तत्र 13. 227*. 1 pr. उवास राजन्न च तं पृथग्जनः 4.7. ]], उवास वीरः परमार्चितः सुखी 4. 6. 16. उवास स तदा राजा 1. 110. 44. उवास स महीपतिः 13. 53. 676. उवास सह कृष्णेन 1.210.21". उवास सार्थः सुमहान् 3,62.5deg.. उवास हिमवत्पृष्ठे 12. 314. 30deg. उवाह चैनान्सगणांस्तथैव 3. 173. 20'. उवाह भार्या यशसा ज्वलन्तीं 5. 47. 680. उवाह भायौं स तदा 2. App. 6. 18 pr. उवाह मध्येन रणाजिरं भृशं 7. 48. 50deg. उवाह महिषीं भोग्यां 2. App. 21. 1543 pr.. उवाह मां ततः शीघ्र 3. 170. 150. उवाह यां तु कैकेयः 1. 1183*. 2 pr. उवाह रथिनां श्रेष्ठः 16. 8. 396. उवाह शतशो राजन् 7. 99*. 1 pr. उवाह शिबिकां मम 3. 177.8%3; 178. 36%3; 875*. 4 post. उवाह स घटोत्कचः 3. 145.7'. उशद्वः शतरथः 2. 8. 23deg. उशना इव चापरः 3. 1279*.2 post. उशना च महाकविः 12.734*. 1 post. उशना तस्य धीमतः 12.278.21'. उशना तु तदोवाच 12.278.29. उशना तु समुद्विग्नः 12. 278. 27. उशना दूरतस्तस्य 12.278. 14. उशना प्रत्यभाषत 12.270.23d. उशना प्राप तद्धीमान् 12. 278. 37deg. उशना बृहस्पतिया॑सः 13. 27.5deg. उशना बृहस्पतिश्चैव 12. 322. 42". उशना योगसिद्धात्मा 12. 278. 16. उशना वाक्यमब्रवीत् 12. 270. 15%; 271.5%. उशना वेद यच्छास्त्रम् 1. 94. 339. 12. 38. 100. 13. 39.70. 15. 12. 15. उशनाश्चाथ गाथे द्वे 12. 137.66deg. उशन्ति तत्पदं प्राज्ञाः 13. App. 15. 3870 pr. उशीनर कपोते तु 13. App. 8. 43 pr. उशीनर कपोते ते 3. 131. 220. उशीनरश्च विक्रान्तः 1. 177. 18. उशीनरसुतोऽध्वरे 7. 9. 62". उशीनरस्य राजर्षेः 1. 93. 22. उशीनरं द्विजश्रेष्ठः 5. 116. 16. उशीनरं प्रतिग्राह्य 5. 116. 17". उशीनरः प्रतिवचः 5. 116. 9. उशीनरः शतरथः 1.1.173, उशीनरोऽपि धर्मात्मा 3. 647*.2 pr.. उशीनरो विष्वगश्वो नृगश्च 13.75. 250. ' उशीनरो वै धर्मात्मा 12. 160. 78". उशीनरो वै यत्रेष्ट्वा 3. 130. 176. उशीरबीजं मैनाकं 3. 140. 10. -493 -