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________________ उन्मजन्तं तथैव च] श्लोकपादसूची [ उपकाराद्भवेन्मित्रं उन्मत्तेव वरारोहा 3. 59. 20. उन्मत्तेव सुते वाक्यं 12. App. 20. 156 pr. उन्मत्तेवाशुभं वाक्यं 12. App. 19. 60 pr. उन्मथ्य पुनराजहुः 7. 19. 45deg. उन्मथ्य वरवारणाः 6. 44, 26'. उन्मथ्याशु गिरीश्चैव 13. App. 3A. 107 pr. उन्मदः पाण्डवः शरैः 8. 8. 360. उन्ममाथ ततस्तालं 6. App. 4. 165 pr. उन्ममाथ ध्वजं चास्य 8. 44. 20%. उन्ममाथ महाराज 6.88.356. उन्ममाथ महार्णवम् 3.212. 18t. उन्ममाथ युधिष्ठिर 2. App. 21. 1572post. उन्ममाथ शिरः कायात् 7. 145.22. उन्मर्यादं भविष्यति 12.220. 114'. उन्मर्यादे प्रवृत्ते तु 12. 79. 18%. उन्मजन्तं तथैव च 13. App. 1A. 286 post. उन्मज्जन्ति निमज्जन्ति 12. App. 29E. 95 pr. 13. App.3.281 pr. उन्मजन्ति भवे नराः 12. App. 29D. 209 post. उन्मजश्च निमश्च 12.228. 1%; 229. 16. उन्मजेच्च निमजेच्च 11. 3. 15. उन्मत्त इव पाण्डव 3.246. 12. उन्मत्त इव मे पुत्रः 5.56. 43. उन्मत्त इव राजा सः 8.3.8.. उन्मत्त इव विप्रेक्षन् 7.51. 19deg. उन्मत्तक इवाभवत् 1. App. 11. 4 post.. उन्मत्तक इवासंज्ञः 1. 1733*.2 pr. उन्मत्तमकराव? 6. 16. 450. . उन्मत्तमत्तरूपं च 13. App. 4. 59 pr. उन्मत्तमिव चापि त्वां 5.54. 26". उन्मत्तमिव तत्सर्व 7. 129. 22. उन्मत्तमिव मातङ्गं 9.58. 2. उन्मत्तमिव विह्वलम् 3. 62. 29, उन्मत्तरङ्गप्रतिम 8. 19. 69. उन्मत्तरूपा शोकार्ता 3. 61. 110*. उन्मत्तवत्तदा राजन् 7.55.33%. उन्मत्तवदनुन्मत्ता 3.57. 1. उन्मत्तवदहःक्षये 7. 147. 334. उन्मत्तवद्दीनमना निराशः 4. App. 4G. 64. उन्मत्तवगीमसुता 3. 60. 186. उन्मत्तवन्महाराज 6.469*. 1 pr. उन्मत्तवृत्तिर्भवति 12. App. 21. 15 pr. उन्मत्तवेशप्रच्छन्नः 13. 17. 33. उन्मत्तवेशप्रच्छन्ना 3. 290*. 4 pr... उन्मत्तवेषं बिभ्रत्सः 14. 6. 22% उन्मत्तं गतचेतसम् 3. 62. 31'. उन्मत्ता गौरिवान्धा श्री: 5..237*. 3 pr. उन्मत्ताच्च विशेषतः 12.91. 278. उन्मत्ता बधिरा मूकाः 14. 36. 24. उन्मत्तान्मन्यते बालः 3. 112*. 1 pr. उन्मत्तामिव गच्छन्तीं 3.62. 19. उन्मत्ताय परां श्रद्धां 3. 246. 15. उन्मत्ताविव धावतः 3. 282. 5. उन्मत्ताश्च पिशाचाश्च 13. App. 15. 1904 pr., 1912 pr. उन्मत्ताश्च विचेष्टन्ते 5.94. 39. उन्मत्ताहमनुन्मत्तं 12. 168. 48. उन्मत्तां विलपन्तीं मां 3.61.210. उन्मत्तिरपनेतव्या 12. 14*. 1 pr. उन्मार्थ च प्रमाथं च 9. 44. 27. उन्माथेनेव जम्बुक: 12. 171. 11'. उन्मादन शतावर्त 12. App. 28. 250 pr. उन्मादमेके पुष्यन्ति 5. 70. 26deg. उन्मादं पुष्पदन्तं च 9. 44. 47. उन्मादः सर्वभूतानां 12. 78*. 2 pr. उन्मादो मदनाकारः 13. 17. 68deg. उन्माद्यति स तु क्षिप्रं 3. 219. 46deg, 47deg, 48', 49deg, 50deg, 51', 52, 53%, 54". उन्मार्गप्रतिपन्नांश्च 13. App. 15. 2376 pr. उन्मार्गेण यथा तथा 13. App. 15. 4629 post. उन्मार्गे पद्यते तदा 12.578*. 3 post. उन्मिपन्निमिवन्नपि 6.27. 9. उन्मिपन्निमिषश्चैव 13. 177. 4 pr. उन्मीलन्ति निमीलन्ति 2. App. 27. 13 pr.; App. 28. ___50 pr. उन्मुखो विमुखस्तथा 2. 83*. 3 post. उन्मुखौ सुतशङ्कया 3. 282. 4. उन्मुचुः प्रमुचुश्चैव 13. App. 18.71 pr. उन्मुचो विमुचश्चैव 12. 201. 27. उन्मूलयन्महावृक्षान् 3. 146. 39deg. उन्मेषश्च निमेषश्च 12. App. 28. 296 pr. उन्मेष निमिषं च यत् 1. App. 1. 16 post. उपकल्प्य तदाहारं 13. App. 15. 3524 pr. उपकारमजानन्सः 15. 46. 11. उपकारवियुक्ताश्च 14. App. 4. 341 pr. उपकारागवेन्मित्रं 12. 200*. 2 pr. -463 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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