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________________ उद्धृत्य चैनां तरसा] महाभारतस्थ [ उद्यतेषुमथो दृष्ट्वा उद्धृत्य चैनां तरसा 1.73. 234. उद्धृत्य तु वपां तस्य 14. 91. 30. उद्धृत्य तूणे धनुरुद्यतं तत् 1. 1827*. 3. उद्धृत्य नरकात्कष्टात् 7. App. 8. 888 pr. उद्धृत्य पाणियुगलं 1. App. 93. 17 (subst.)2 pr. उद्धृत्य पीठके चापि 1. 504*. 2 pr. उद्धृत्य प्रणवेनैव 14. App. 4. 3207 pr. उद्धृत्य सहसा नेत्रे 5. App. 12. 25 pr. उद्धृत्याददते चापः 12. 315. 39. उद्धृत्यामुच्य कुण्डले 4. 763*. 1 post. उद्धृत्यालिञ्जरात्तस्मात् 3. 185. 150. उद्घन्धनात्सहस्रं च 7. App. 8. 839 pr. उद्बन्धमिव कृत्वा च 4. 153*. 2 pr. उद्बबह जनार्दनः 12. App. 16. 9 post. उद्घबह महाबाहुः 7. 45. 16. उद्घबह रथाच्चापि 7.571*. 2 pr. उद्घबह शरं तीक्ष्णं 7. 1009*. 25 pr. उद्घबहथि निस्त्रिंशं 6. 50. 24. उद्विलैरावृतानि च 2. App. 41. 39 post. उद्भवश्च भविष्यताम् 6. 32. 34. उद्भवः क्षेमकश्चैव 5. 4. 24". उद्भवः क्षोभणो देवः 13. 135. 54". उद्भवः संप्रगाहते 14. App. 2. 22 post. उद्भवः सुन्दरः सुन्दः 13. 135.98. उद्भावनमकुर्वन्तः 1. 119. 43%; 129. 3%; App. 73. 133 pr. उद्भावनमकुर्वाणाः 1. App. 83A. 6 pr. उद्भावन मनोद्भाव 6.61. 51. उद्भावनाथं भवतः 13. 56. 10. उद्भावय कुलं मग्नं 5. 131. 19deg. उद्भावयस्व वीर्य वा 5. 131. 16. उद्भासते ह्यञ्जनबिन्दुवत्तत् 5. 25. 6. उद्भासितश्च सविता 13. 141. 12". उद्भिज च नराधिप 12. 300. 5. उद्भिज्जानीति तान्याहुः 14. 42. 22. उद्भिजाः स्थावराः प्रोक्ताः 6. 5. 17. उद्भिजाः स्वेदजाश्च ये 13. App. 10.244 post. उद्भिदस्त्रिक्रमो वैद्यः 13. 17. 1449. उद्भिन्नधर्मजलबिन्दु नमल्ललाट- 6. App. 2. 19 (subst.) 1. उद्भिनरुधिरः कर्णः 8. 33. 34". उद्भिनरुधिरो राजन् 9. 56. 59. उद्भिन्नरुधिरौ कृष्णौ 7.76. 25". उद्भिनरुधिरौ शूरौ 9. 15. 56deg. उद्भूता राजवंशेषु 12. 49. 2. उद्भूतार्थ हि पुरुषं 12. 161. 14". उद्भेदजेषु वा केचित् 13. App. 15. 2752 pr. उझान्तचित्तं व्यसुमुत्ससर्ज 3. 12.676. 4. App. 24. 17. उझान्तनयनैर्वक्त्रैः 7. 64. 35. उद्घान्तमिव मे मनः 2. App. 39. 251 post. उडान्तरथकुञ्जरम् 6. 102. 29".. उडान्तरथयूथपम् 6.55. 39. उझान्तसृमराचितम् 9.45.750. उन्हान्तं स्थानमास्थाय 3.255. 19. उझान्तः प्राविशं घोरां 13. 12. 17. उद्घान्तैरिव सारथिः 3. 2. 624. उझान्तैस्तुरगैः सोऽथ 6. 110. 33. उद्धान्तो गहने वने 13. 12. 32. उद्राम्य कृतनिश्चयः 9. 56. 40'. उद्यच्छाम्येष शत्रूणां 5. 134. 14. उद्यच्छेदेव न ग्लायेत् 12. 131. 90. उद्यच्छेदेव न नमेत् 5. 125. 19deg; 132. 386. उद्यतप्रतिपिष्टानां 3. 99. 4. 7. 162. 13. उद्यतश्चारुलोचनः 3. 146. 30. उद्यतं गुरुकृत्ये मां 13. App. 1A. 353 pr. उद्यतं घोरदर्शनम् 7. App. 8. 786A 24 post. उद्यतं तुल्यतां गतम् 12. 286. 5. उद्यतं सह पत्नीभ्यां 1. 1273*.7 pr. उद्यतः फल्गुनस्तदा 1. App. 78. 60 post. उद्यतानि भुजोत्तमैः 6. 67. 27. उद्यतान्यायुधानि च 8. 32. 12. उद्यतान्सर्वतोदिशम् 6. 93. 28. उद्यता यज्ञभागा हि 12. 323. 15. उद्यतायुधपाणयः 13. App. 15. 1196 post. उद्यतायुधशौण्डानां 8. App. 7. 12 pr. उद्यता रणशौण्डानां 8. App. 27. 12 pr. उद्यतारिवरायुधम् 7. 48. 2. उद्यतार्चिःसमप्रभम् 12.221. 11'. उद्यताशनिवज्रस्य 7. 110. 13. उद्यतासिभिरुत्तमैः 6. 283*. 1 post. उद्यतासिमुपायान्तं 8. 8. 439. उद्यतास्त्रमवस्थितम् 3. App. 14. 31 post. उद्यतास्त्रो धनंजयः 6. 67.11. उद्यतां तां महाशक्तिं 6.88. 8. उद्यतां पृथिवीं सर्वी 9. 6. 30. उद्यतेवोदयं शैलं 12. 45. 15. उद्यतेषु च शस्त्रेषु 5. 39. 53deg. 13. 582*. 1 pr. उद्यतेषुमथो दृष्ट्वा 5. 170. 10; 178. 27". 460
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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