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________________ इल्वलन विषण्मोऽभूत् ] लोकमावसूची [इष्टगन्धानि देवान इस्वलश्च विषण्णोऽभूत् 3. 97.7deg. इल्वलस्तान्विदित्वा तु 3. 97. 1". इल्वलस्तु मुनि प्राह 3. 491*. 1 pr. इल्वलस्त्वनुगम्यैनं 3. 493*. 1 pr. इल्वलस्योपभिक्षणम् 3. 96. 20. इल्वलं समुपाद्रवन् 3. 96. 200. इल्वलः प्रहसन्निव 3. 97.5*. इल्वलो दुष्टचेतनः 3. 94. 104. इल्वलो नाम दैतेयः 3. 94.4". इल्वलो वसुमान्भुवि 3. 98. 19. इल्वलो वाक्यमब्रवीत् 3. 97. 11. इषवोऽत्र परिस्तोमाः 5. 139. 41". इषावाहितमानसः 12. 475*. 9 post. इषीकया मया बाल्यात् 1. 57.78deg. इषीकं ब्राह्मणं भीता 1. App. 55. 102 pr. इषीका कर्तृ बुध्यते 12. 773*. 1 post. इषीका द्रोणपुत्रेण 14. 66. 36. इषीका निपतिष्यति 10. 15. 316. इषीकामिरपानुदत् 5.94.20. इषीकामिः समर्पयत् 5. 94, 294. इषीकामिः समाचितम् 5. 94. 30deg. इषीकामात्मनि श्रिताम् 14. 19. 22. इषीका वा यथा मुजे 12. 240. 220 इषीका जगृहे नरः 12.330. 48. इषीकां वा यथा मुजात् 14. 19. 21". इषुकारः कुमारी च 12. 171. 61. इषुकारो नरः कश्चित् 12. 475.9 pr. इपुजालावृतं घोरं 7.73. 12. इषुजालावृतं व्योम 7. 521*. 3 pr. इषुजालेन महता 7. 42.9. इषुणा आशुपातिना 7. 43. 10. इषुणैकेन भारत 8. App. 5.9 post. इषुधी कार्मुकं चास्य 7. 818*. + pr. इषुधी चाक्षयैर्बाणैः 1. 55. 37. इषुधी चास्य चिच्छेद 8. 33. 34. इषुधेर्धनुषो ज्यायाः 8. 12. 30%, इषुपातमतिक्रम्य 7. 107.37'. इषुपाते च सेनायाः 4. 48.8*. इषुपाते धनंजयः 7. 64. 199. इषुपातेन सेनायाः 4. 889*. 4 pr. इषुपाते युधां श्रेष्ठः 7. App. 8. 865 pr. इषुप्रपातमात्रं हि 12. 284. 320. इषुमिरजयदग्निगौरवात् 8. 26. 659. इषुभिरनेकविधैश्च साविताः 8. 21. 3. इषुभिनिहतान्रथान् 4.818*.2 post. इषुभिर्बहुभिस्तूर्णं 4. 58. 6. 7.74. 47. 8. 12. 10. इषुभिर्मोहितो नृपः 14. 74.8. इषुभिर्विमलाभासैः 9. 16. 70%. इषुभिवों धनंजयः 7. 9. 20. इषुभिर्व्यतिसंयद्भिः 4. 31. 6*. इषुभिश्छादयामास 7. 111.6*. इषुभिश्छाद्यमानानां 9. 23. 54deg. इषुभिस्ताड्यमानाश्च 6. 113.99. इषुभिस्तूर्णमव्यग्रः 6. 112. 63. इषुभिस्तूर्णमाकाशं 4. 53. 44. इषुभिः कार्मुकं चास्य 7. 111. 86. इबुभिः कृष्णपाण्डवौ 7. 66. 11'. इषुमिः क्षेप्स्यतेऽर्जुनः 7. 59. 18" इषुभिः पाकशासनिः 1. 218.46. इषुमिः पाण्डवोऽपि च 2. App. 39. 208 peet, इषुमिः प्रतियोत्स्यामि 6.24.4", इषुरासीन संश्लिष्टः 7. 164. 12. इषुर्मुक्तो धनुष्मता 5. 33. 42". इषुवेगविघातकान् 7. 67.80. इषुश्चाप्यभवद्विष्णुः 8. 24.84". इषुसंबाधमाकाशं 7. 9. 14. 8. 16. 18. इषुहस्तां समीक्ष्य च 1. App. 36.64 post. इषु प्रासं गदां वापि 9. 197*.1 pr. इषुः सोऽपाहरगुतम् 8. 67. 34. इषूणामक्षयत्वं च 7. 120.50deg. इषूणां गार्धवाससाम् 7. 114, 10deg. इषूणां संनिपातेन 7. 73. 14". इषूनमित्रान्तकरांश्चतुर्दश 8. 15. 39". इषूनरिषु पार्थिवः 7. 25. 50. इषूनसक्तांस्त्वरितः 14.74. 150. इघूनाशीविषोपमान 7. 106. 35*. इषूनेव स्म पश्यामः 8. 434*. 3 pr. इन्धनूंषि खड्गांश्च 8. 32. 11'. इषून्परतनुच्छिदः 5. 94. 27. इषून्वै सम्यगस्यन्तः 4. App. 46.30 pr. इषून्समरशोमिनः 7. 106. 43. इष्टकाप्रस्तरे चैव 12. 292.9deg. इष्टकाभित्तिसंयुक्तं 18. App. 1. 17 pr. इष्टकाः काञ्चनीश्चात्र 14. 90.30%. इष्टगन्धः सुखस्पर्शः 12. 224. 86*. इष्टगन्धानि देवानां 13. 101. 300. -423
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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