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________________ इदं चैव हयज्ञानं ] महाभारतस्थ [इदं दत्तमिदं मे स्यात् इदं चैव हयज्ञानं 3.76. 16. इदं चैवापरं गुह्यं 13. App. 14. 325 pr. इदं चैवापरं देवि 13. 131. 16". इदं चैवापरं प्राह 12. 192. 14. इदं चैवापरं भूयः 3. 189. 16". इदं चैवाब्रवीद्वचः 3.7.14. इदं चैवात्रुवन्धचः 3. 103. 13. इदं चैवासमं युद्धं 7. App. 8. 12 pr. इदं चोवाच वचनं 1. 241*. 3 pr. इदं चोवाच विस्मितः 9. 234*. 1 post. इदं चोवाच संक्रुद्धः 2. App. 28. 144 pr. इदं छिद्रमिति ज्ञात्वा 7. 74. 42deg. इदं जगद्भाति महानुभाव 5. 255*. 2. इदं जपन्वै प्राप्नोति 12. App. 17B. 165 pr. इदं जप्यमिदं ज्ञानं 13. 17. 18deg. इदं जितमिदं लब्धं 5. 53.5". इदं ज्ञात्वान्तकालेऽपि 13. 17. 18. इदं ज्ञानमुपाश्रित्य 6. 36. 26. इदं तत्प्रेतपत्तनम् 12. 149. 671.. इदं तत्र पुनः पुनः 9. 212*.2 post. इदं तत्समनुप्राप्तं 5. 157. 4". 6. 85. 9. 11. 15. 18". इदं तदतुलं स्थानं 13. 119. 11"... इदं तदशुभं नूनं 1. 135. 14. इदं तदास्पदं कृत्स्नं 12. 321. 15. इदं तदिति वाक्यान्ते 12. 308..84. इदं तदित्यमन्यन्त 10. 8. 69. इदं तव परिग्रहम् 3. 12. 27t. इदं तव मयाख्यातं 8. 402*. 1 pr. इदं तवेष्टं यदि वै सुरोपम 4. 11. 10. इदं तस्य दुरात्मनः 1. 135. 13. इदं तु कार्तवीर्यस्य 2. App. 21. 421 pr. इदं तु खलु कौन्तेय 13. 116. 36*. इदं तु चिन्तयन्नेव 4. 40. 9". इदं तु ते गुह्यतम 6. 31. 1". . . इदं तु त्रिषु लोकेषु 1. 1. 25*... इदं तु त्वां कुरुराजोऽभ्युवाच 2. 52. 7". इदं तु दहनाकारं 12. App. 29E. 418 pr. इदं तु दुष्करं कर्म 12.261. 586.. इदं तु दुष्करं मन्ये 4. 55. 2". इदं तु दुःखं कौन्तेय 4. 19.2103; 404*.2 pr. इदं तु दुःखं यच्छक 12. 220. 330. इदं तु दैवतं कृष्वा 12. 255. 34'. इदं तु धार्तराष्ट्रस्य 13.7*. 1 pr. इदं तु नगरं सर्व 16. 8. 10. इदं तु न प्रवर्तेयं 5. 128. 28deg. इदं तु नामिजानामि 5. 53.20.. इदं तु नीचाचरितं 7. 118. 90. इदं तु पुण्यमाख्यानं 3. 195. 38". इदं तु पुरुषव्याघ्र 3. 802*. 7 pr. 13. 40. 15. इदं तु भारतं वर्ष 6.7.6% 13. 500. इदं तु मे कर्म समं न मे मतं 4. 10. 10. इदं तु मे त्वमेकाग्रः 8. 30.7" इदं तु मे महहुःखं 1. 115. 4. 4. 18. 1. 12. 1. 14". इदं तु मे यथाप्रज्ञं 8. 22. 320. इदं तु यदतिक्षुद्रं 7. 118. 136. इदं तु याचे नृपते 15. 8. 22". इदं तु राधेयवचो निशम्य ते 7. 2. 9". इदं तु रूपं मम येन किं नु तत् 4. 10.90. इदं तु लब्ध्वा त्वं स्थानं 12. 220. 420. इदं तु वचनं पार्थ 3. 27. 90. इदं तु वचनं श्रुत्वा 11. 8. 47". इदं तु वचनं सौम्य 1.94. 82deg. इदं तु शक्यं सततं नरेन्द्र 3. 173. 136. इदं तु शृणु मे पार्थ 12. App. 4. 33 pr. इदं तु शृणु राजेन्द्र 13. 116. 584. इदं तु सकलं द्रव्यं 13. App. 15. 3429 pr. इदं तु समुपालम्भं 4.392*. 1 pr. इदं तु सर्वं त्वं राज्ञे 2. 44. 21". इदं तु सुमहत्कार्य 5. 86. 13. इदं तृतीयं द्रक्ष्यामि 3. 90. 9deg. इदं तृतीय भ्रातॄणां 18. 3. 33". इदं ते दुर्विचेष्टितम् 12. 56. 55%. इदं ते दुष्करं राजन् 12. 56. 55*. इदं ते नातपस्काय 6. 40. 670. इदं त्वकुशलेनेति 3. 33. 27. इदं त्वतिकृतं मन्ये 2. 61. 4. इदं त्वत्यद्भुतं मन्ये 3. 236. 12deg. इदं त्वद्य क्षमं कर्तुम् 1. 194. 11". इदं त्वनार्य कुरुवीरमध्ये 2. 60. 32. इदं त्वमनुजानीहि 3. 286. 9". इदं त्वामब्रवीद्राजा 5. 158. 6*. इदं त्वाश्चर्यभूतं मे 2. 39.70. इदं विदानीमनयं कुरूणां 4. App. 53. 22. इदं त्विदानी कुत एव निश्चितं 3. 5. 17". इदं त्वेवावबोद्धव्यं 2. 65. 36. इदं दत्तमिदं मे स्यात् 13. App. 15. 3422 pr. -406
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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