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________________ इतीम हृदयग्रन्थि ] श्लोकपादसूची [इत्यब्रुवरणान्मुक्ताः इतीमं हृदयग्रन्थि 12. 187. 51". इत्थं नरोऽप्यात्मनैव 12. 246*. 1 pr. इतीयं प्रथिता श्रुतिः 1. 180.64. इत्थं सृष्टिं देवक्लप्तां विदित्वा 7. App. 8. 249A 1. इतीयं श्रुतिचोदना 13. 61. 1. इत्थं हि दुश्चरो धर्मः 12. 336. 81". इतीव तेषां समरे महात्मा 7. 274*. 5. इत्यचिन्तयत द्विजः 3. 198. 14. इतीव नित्यं हृदि वर्णयन्ति 12. App. 15. 143. इत्यजल्पन्महाराज 4. 24. 4. इतीव निश्चयो नाभूत् 9. 15. 59. इत्यजल्पन्विचक्षणाः 4. App. 45.85 post. इतीव भूयश्च सुहृद्भिरीरिताः 8. 13. 25*. इत्यज्ञानविमोहिताः 6. 38. 154. इतीव मन्येत न भाषयेत 5. 44. 11. [इत्यथ कृष्णे न्यवेदयन् 13. 69.6". इतीव मन्येत नरोऽल्पबुद्धिः 3. 119.64. [इत्यथ तं वरुणोऽब्रवीत् 13. 139. 194. इतीव संचिन्त्य सुरर्षिसंघाः 8. 68. 39". [इत्यथ तौ मां तदोचतुः 13. 69. 134. इतीश्वरस्यापि बभूव संशयः 8. 993*. 5. [इत्यथ वक्तुमिहेच्छती 13. 41. 5.. इतीह कथयामास 1. 1102*.2 pr. इत्यद्भुतं महच्चक्रे 9. 36. 53deg. इतीहापि सुखं मम 13. 118. 16. इत्यधीयीत मे व्रतम् 1. 85. 26. इतो गच्छसि भार्गव 1. 75.7. इत्यनन्तौजसं वीरं 3. 38. 35%. इतो गच्छस्व भद्रं ते 5. 174. 5. इत्यनुस्मृत्य कृष्णं सा 2. 543*.8 pr. इतो गते भीमसेने 7. 102. 21". इत्यनेन वरो देवात् 13. 102. 17. इतो गत्वा संजय क्षिप्रमेव 5. 30.7". इत्यन्तरिक्षे त्वौषं 2. 255*. 2 pr. इतो गन्यूतिमात्रेऽस्ति 1. 1626*. 1 pr. इत्यन्तरिक्षे शतशृङ्गमूर्ध्नि 8. 48. 11". इतो दत्तेन जीवन्ति 12.73. 22%; 90. 24. 13.9. 23%; इत्यन्योन्यं निजन्नतुः 1. 204. 180. 101. 58. इत्यन्योन्यं व्यलोकयन् 1. App. 98. 12 post. इतो दुःखतरं किं नु 5. 70. 1393 130. 31". 14. 80. 3". इत्यन्योन्यं समाभाष्य I. 1038*.8 pr. इतो द्वारं नराधिप 2. 458*.2 post. [इत्यपवित्राणि पाण्डव 14. App. 4. 3250 post. इतो नार्हति मानवः 1. App. 114. 200 post. इत्यपां नाम शुश्रुम 3. App. 27. 25 post. इतो नेता हि तत्र त्वं 3. 300*. 1 pr. इत्यपि श्रूयते श्रुतिः 3. 199.54, 9, 12. 13. 117. 15. इतोऽन्याः पापयोनयः 12. 173. 214. इत्यपेक्षेत तत्तथा 12. 212. 29". इतोऽपयातुं रिपुसंघगोष्ठात् 8. 45. 634. इत्यप्यमित्रप्रवरं 8. 805*. 1 pr. इतोऽपि प्रेषयित्वाप्तान् 1. App. 86.72A 20 pr. इत्यबवमहं तत्र 12. App. 17C. 117 pr. इतोऽप्यधर्मेण हतः 7. 169. 37. इत्यब्रवीच्छेतकेतुं स विप्रः 3. 132. 184. इतो मयि गते भीरु 1. 43. 29deg. इत्यब्रवीत्प्रीतमनाः किरीटी 4. App. 54. 39. इतो याद्भिश्च सद्गतिम् 9. 4. 41". इत्यब्रवीत्सदा मां हि 9. 23. 39deg. इतो याम विशां पते 9. 54.5. इतो रत्नानि गाश्चैव 15. 19. 11. इत्यब्रवीदर्जुनो योत्स्यमानः 5. 47.6%. इतो वर्षे चतुर्दशे 2. 68. 36deg ; 590A*. 1 post. इत्यब्रवीद्रौपदी राजपुत्रीम् 2. 60. 194. इतो वा विनिवर्तेयं 7. 26. 13. इत्यब्रवीद्धृषीकेशः 5.58. 29% इतो वा श्रेयसी ब्रह्मन् 2. 6. 80. इत्यब्रवीद्रीमसेनस्तरस्वी 8. App. 30. 36. इत्यब्रवीन्महाप्राज्ञ: 12. 26. 29. इतोऽहं द्विपदां वरम् 6. 93. 164. इत्यब्रवीन्महाराज 2. 530*. 1 pr. 8. 997*. 2 pr. इतो हि नागलोको वै 14.57. 29%. इत्यब्रुवञ्जनास्तत्र 4.53. 236. इत्थं च देशाननुसंचरामः 3. 35. 12. इत्यब्रुवन्त ते राजन् 16. 2. 11". इत्थं च परितुष्टं मां 14.55. 220. इत्यब्रुवन्धर्मविदः सदैव 8.66. 434. इत्थं तावपि देवेशौ 3. 50*. 6 pr. इत्यब्रुवन्भीमसेनं 9. 60. 16'. इत्थं ते निकृतिप्रज्ञाः 3. App. 25. 56 pr. इत्यब्रुवन्महाराज 6.86. 83deg. 7. 163. 420. इत्थं द्रौणिमहेष्वासं 7. 1423*. 3 pr. इत्यब्रुवन्रणान्मुक्ताः 3. 1136*. 1 pr. - 391 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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