________________ इति कृत्वा महादेवं ] श्लोकपादसूची [इति तद्धनुरादाय इति कृत्वा महादेवं 3. 839*. 6 pr. इति कृत्वा युधिष्ठिरः 3. 1369*. 4 post.; 1370*. 9 post. इति कृत्वा व्यवस्थितः 11. 126. 324. इति कृष्णममन्यत 2. 12. 24. इति कृष्णवचः श्रुत्वा 8. 49. 1130; 63.78%. इति कृष्णावभाषताम् 7. 76. 18. इति कृष्णां महाराज 12. 39. 6. इति कृष्णौ महाबाहू 7.76. 186. इति कृष्णौ महेष्वासौ 7.76. 29". इति केचिद्व्यवस्थिताः 13. App. 15. 2464 post., 2565 post. इति केनाप्युदाहृतम् 3. 219. 4. इति कौरवनन्दन 5. 186. 14; 193. 63. इति क्षत्रियपुंगवाः 7. 44. 5. इति क्षत्रे परं मतम् 12. 120. 3. इति क्षेत्रसमुच्चयः 13. App. 15. 4104 post. इति क्षेत्र तथा ज्ञानं 6. 35. 180. इति ख्याता दनोवंशे 1. 59. 26deg. इति गायन्ति ये मत्ताः 8. 30. 33". इति गाः समचूचुदन् 13. App. 9B. 122 post. इति गीतार्थसंग्रहः 6. 111*. 2 post. इति गीताः काश्यपेन 3. 30. 44. इति गुह्यतमं शास्त्रं 6. 37. 20%. इति गुह्यतमं स्तोत्रं 4. App. 4C. 27 pr. इति गुह्यसमुद्देशः 12. 321. 43". इति गुह्यानि नामानि 4. 5. 30deg. इति गृह्णामि तत्पार्थ 4.55.89. इति चक्रुस्तदा मतिम् 7.76. 104. इति च प्रतिपालये 4. 19.4". इति चाकुलतां गतौ 8. App. 18. 83A 4 post. इति चान्ये च मानवाः 1. 132. 12. इति चान्ये विचुक्रुशुः 6.55. 180. इति चाप्यहमश्रौषं 3. 176. 23". इति चाप्यागमं भूयः 4. 19. 6. इति चारं करोति चेत् 12. 578*. 1 post. इति चाह स पार्थिवः 13. 45. 10. इति चिन्तयमानानां 1. App. 114.67 pr. इति चिन्तापरः सदा 12. 142. 36. इति चिन्तापरान्दृष्ट्वा 3. App. 25. 137 pr. इति चिन्तापरा सती 3. 1319*. 1 post. इति चिन्तापरोऽभवत् 1. 1098*.2 post. ; App. 86. 1A 6post. इति चिन्ताविषक्तस्य 13.20.74". इति चिन्तासमाकुलः 9. 11*. 1 post. इति चिन्त्य गते राजन् 17.6*. 1 pr. इति चिन्त्य मनो दधे 5. 170.84. इति चिन्त्य वधोपायं 8. 233*. 2 pr.. इति चिन्त्यानयामास 3.218. 43. इति चिन्त्योपलभ्य च 13. App. 10.393 post. इति चेति च कर्तव्यं 3. 1337*. 2 pr. इति चैकोनविंशोऽयं 12. 308. 108. इति चैतत्कृतं मया 11. 14. 44. इति चैनमुवाच ह 6. 11754. इति चैनं वचोऽब्रवीत् 1. 53. 15. इति चैव निबोधत 14. 42. 264. इति चैव प्रचोदितः 5. 186. 156. इति चैवानुशिष्टोऽस्मि 12. 259. 31". इति चैवामिवाशती 15. 46. 17. इति चोको मया मुनिः 3. 205. 28'. इति चोक्तोऽस्मि शंभुना 5. 189.71. इति चोक्त्वा घटोत्कचः 3. 157. 10. इति चोद्धर्षणं कृतम् 15. 23. 34,54,64,74,84. इति चोपेक्षितो मया 12. 6. 84. इति चोवाच संक्रुद्धः 1. 1547*. 1 pr. इति जन्म गतिश्चैव 12. 320. 39%. इति जातघृणोऽब्रवीत् 13. 83. 356. इति जानीत खगमाः 13. 85. 26deg. इति जानीत सत्यं मे 3. 264. 51. इति जानीहि पार्थिव 12. 75. 17'. इति जीवसि सांप्रतम् 8. 386*. 8 post. इति जीवामि चाप्यहम् 3. 281. 93'. इति जीवामि पार्थिव 7. 133.74. इति ज्ञात्वा विमुच्यते 12. 277. 42". इति ज्ञात्वा विराटेन्द्र 4. App. 58. 4A 4 pr. इति ज्ञेयं तु कौरवाः 15. 5. 14. इति तज्ज्योतिषां त्रयम् 2. 573*. 2 post. इति तण्डिस्तपोयोगात् 13. 16. 66"; 151*. 1 pr. इति तत्कर्तुमर्हसि 8. 24. 101 . इति तत्कुरु कौन्तेय 6. 55. 43%; 102. 34". इति तस्कृतवांश्चाहं 6. 105. 256. इति तत्प्रेक्षितं सदा 12. 322. 224. इति तत्र जनाः स्माहुः 7.727*.2 pr. इति तत्र महाराज 7. 165. 350. इति तत्र स्म सैनिकाः 6. 102. 564. इति तथ्यं महाराज 1. 187. 11". इति तद्धनुरादाय 1. 181. 4". - 381 -