SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 371
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आ षोडशातुर्मुख्यः] श्लोकपादसूची [आसन्गृहस्था भूयिष्ठं आ षोडशातुर्मुख्यः 13. 520*. 1 pr. भासक्तभृङ्गं कुसुमं 1. App. 98. 19.pr. आसक्तमनसं दीप्तं 7.9.86. आसक्तमनसो नराः 12.287. 33. भासक्तमन्यवृक्षेषु 3. 220. 11'. आसक्तवस्त्राभरणाः 13. App. 15. 3656 pr. आसक्तं पाण्डवैः सह 10. 1. 56f. आसज्य गावावरणानि चैव 7. 2. 28t. भासञ्जनपदास्तदा 2. App. 4. 5 post. आसतुर्बहुगर्वितौ 13. App. 15. 290 post. भासते चापि राजानः 2. App. 3. 9.pr. भासते जडमूकवत् 3. 36. 14". आसतेऽत्र किमुच्यते 2. 352*.7 post. भासते निधिपालवत् 13. App. 15. 1605 post. आसते मधु संभृत्य 11. 5. 15. आसते ये विपर्ययम् 12. 210. 23. आसनप्रवरे दिव्ये 1.772*. 1 pr. आसनस्थं ततो धर्म 1. 101. 22. आसनस्थं तथैव च 14. App. 4. 2823 post. भासनस्थान्ददर्श सः 5. 89.5t. भासनस्थेषु सर्वेषु 5. 46. 12. भासनं कल्पयामास 1.54. 11deg3; App. 1. 7 pr. 2. 17*. 1 pr. . भासनं च जगत्पतेः 2. App. 18. 36 post. आसनं च ददौ तस्मै 9. 313*. 2 pr. भासनं च नृपात्मज 3. 251. 11. आसनं च पुरस्कृत्य 12. 313. 2.. भासनं चाप्यकल्पयत् 1. App. 45. 2 post. भासनं चैव दापयेत् 13. 107.33. मासनं चैव पाद्यं च 13. 2. 51".. मासनं चोपकल्पय 4. 1070*. 1 post. मासनं तस्य भानुमत् 3. 288. 17'. भासनं तु पदाकृष्य 13. 499*. 1 pr. आसनं तु समास्यैवं 3. 660*. 1 pr. आसनं परमार्चितम् 1. 4.7'... भासनं पृथिवीपतिः 4. 65. 214. . भासनं प्रापयामासुः 7.9. 4. भासनं प्राप्य राजा तु 7.9.5*. भासनं माल्यभूषितम् 14. App. 4. 1273 post. आसनं रत्नभूषितम् 3. 28. 11. मासनं रुचिरं तस्मै 1. 200.9. भासनं शयनं तथा 13. 129. 13 App. 15. 768 post.. भासन शयनं यानं 12. 28. 21. 13. 133. 4". . आसनं शिष्यमध्ये च 13. 269*. 1 pr. भासनं सर्वतोभद्रं 5. 92. 37deg; 406*. 1 pr. आसनं सलिलं पायं 14.9. 11, 12. आसनं सुतसंकीर्ण 5. App. 4. 13 pr. आसनं स्वं ददौ चैव 13. 20. 15. आसनाच्च ततः किंचित् 1. 773*. 1 pr. आसनाञ्च परिच्युतः 5. 119.1. आसनानि च मुख्यानि 1. 134.903; 1168*. 4 pr. आसनानि च शय्याश्च 12. 67. 36deg. आसनानि च शुभ्राणि 5. 141. 28. भासनानि महार्हाणि 2. 47. 28% App. 33. 23 pr. 5. 46. 11. आसनानि विचित्राणि 1.64.396.5.83. 14.13.64.80. आसनानीत्यचोदयत् 5. 92. 44. आसनान्यथ मृष्टानि 5. 92. 45%. आसनार्हस्य ये पीठं 13. 133. 178 आसने काञ्चने शुभ्रे 1. 188.2%; 1982*.2 pr. आसने क्षौमसंवृतम् 8.6.38. आसने चोपविष्टस्तु 5. 8. 18. आसने चोपवेश्य च 3. App. 25. 17A 1 post. भासनेन च तं विभुम् 2. 101*. 3 post. आसनेन शतक्रतुः 3. App. 21A. 141 post. 14. App. 4. 1269 post. आसनेनामिपूजितः 3. 198. 17. भासनेनार्चयित्वा च 1. 65. 5. आसनेनोदकेन च 3. 222. 244. 5. 94. 199; 174. 154. आसनेनोपचर्यते 13. 110. 74. आसनेनोपसंयोज्य 13. 124. 13. भासनेभ्यः समुत्पेतुः 3. 52. 14. 5. 55*. 2 pr. भासनेभ्योऽचलन्सर्वे 5.87. 14deg3; 92.34. आसनेभ्यो महाहेभ्यः 5. 150. 18. आसने मुनिसत्तमम् 5. 17. 5. आसने विष्टरोत्तरे 3. 45. 11'. आसने शयने याने 12. 104. 48. भासनेषु पृथक्पृथक् 12. 40. bf. आसनेषु महाहेषु 1. 188. 39. 12. 1.6. आसनेषु विचित्रेषु 2. 501*. 4 pr. आसनेषु विराजन्ते 1. 1816*. 2 pr. भासनेष्वथ पुण्येषु 15. 36. 11. आसन्कर्णार्जुनान्तरे 8. 63. 30'. आसन्कृतयुगे घोराः 3. 98. 3". आसन्कृष्णस्य पृष्ठतः 5.92. 334. आस-गृहस्था भूयिष्ठं 12. 262.79. -363
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy