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________________ आनृण्यं सर्वतः प्राप्य] श्लोकपादसूची [ आपगा नाम निम्नगा आनृण्यं सर्वतः प्राप्य 13. App. 15. 3884 pr. आनृण्यायानसूयकः 12.28.544. आनृण्याथै द्विजातये 13. 63. 6. आनृशंस्यकृतेन ह. 13. 5. 30'. आनृशंस्यगुणेन सा 12. 76. 18. आनृशंस्यगुणैर्युक्ताः 12. 21. 176. आनृशंस्यगुणोपेतैः 12. 18. 37. आनृशंस्यतमं च तत् 13. 46. 2.. आनृशंस्यपरं ह्येनं 13. 153. 34. आनृशंस्यपरा देवी 13. App. 15. 4483 pr. आनृशंस्यपरा ये तु 13. App. 15. 1608 pr. आनृशंस्यपरैर्भाव्यं 13. 153. 48. आनृशंस्यपरो नित्यं 4. 32. 47. 13. 5. 27. आनृशंस्यपरो मुनिः 13. 140. 22. आनृशंस्यपरो राजन् 3. 34. 15. आनृशंस्यपरो राजा 12. 42. 11. 15. 2. 30. आनृशंस्यप्रवृत्तस्य 12. 66. 13. आनृशंस्यमथाकरोत् 13. App. 2. 19 post. आनृशंस्यमथार्जवम् 3. 198. 87. 4. 27. 26*3; 53.6. आनृशंस्यमथो वृत्तं 5. 144, 19. आनृशंस्यमनुक्रोशं 3. App. 3. 14 pr. 4. 360*. 5 pr. आनृशंस्यमनुक्रोशः 2. App. 41. 24 pr. 3. App. 4. 25 pr. 13. 48. 33. आनृशंस्यमसंमोहः 14.38. 6. आनृशंस्यमहिंसा च 3. 177. 186. 12.285.230. 14. App. 4. 3362 pr. आनृशंस्यमिहास्थितः 12. 76. 21". आनृशंस्यव्यपेक्षया 13. App. 15. 3818 post. आनृशंस्यश्च पाण्डवः 4.65. 20. आनृशंस्यसमायुक्तं 17. 3. 30%. आनृशंस्यस्य धर्मस्य 13. 5. 1". आनृशंस्यं करिष्यसि 7. 161. 84. आनृशंस्यं क्षमा घृणा 12. 182. 4. आनृशंस्यं क्षमा शान्तिः 12. 262. 37". आनृशंस्यं च पालय 12. 89.280. आनूशंस्यं च भारत 5.93.6". आनृशंस्यं चिकीर्षामि 3.297. 71deg. आनृशंस्यं तपो दानं 7. 158. 61. आनृशंस्यं दमस्तथा 13. 23. 19". आनृशंस्यं दमः शमः 13. 111. 4. 14. App. 4. 2214 post. आनृशंस्यं दमो घृणा 3. 177. 16. 12. 80. 17. आनृशंस्यं न विद्यते 12. 10. 3. आनृशंस्यं परं मतम् 3. 297.74. आनृशंस्य परो धर्मः 3. 67. 153 203. 413, 297.55", 71". 12. 220. 109; 316. 12. 13. 47. 20% 3 59.6". आनृशंस्यं विजानामि 12. 158. 1". आनृशंस्यं समास्थितः 13. 5. 94. आनृशंस्याच्च जीविताः 9. App. 4. 14 post, आनृशंस्याच्छुना विना 1. 173*. 2 post. आनृशं स्यात्तथार्जवात् 1. App. 80. 3 post. आनृशंस्यात्परंतप 3. 36. 18. आनृशंस्थादनुक्रोशात् 5. 34. 83deg; 168*.5 pr. आनृशंस्यादहं किंचित् 3. 206. 3. आनृशंस्याद्धितं वचः 1. App. 46.50 post. आनृशंस्थाद्धृतराष्ट्रो बिभर्ति 5. 30. 380. आनृशंस्याद्राह्मणस्य 14. App. 4. 421 pr.. आनृशंस्याधुधिष्ठिरः 4. 17. 21".. आनृशंस्यार्थमच्युतः 5. 68. 14'. आनृशंस्या हि मे मतिः 17. 3. 74. आनृशंस्ये च ते दिष्ट्या 7. 168.8. आनृशंस्ये दमे सत्ये 7. 126. 34. आनृशंस्येन तुष्टोऽस्मि 3. 298. 10. आनृशंस्येन तोषितः 13. 5. 264. आनृशंस्येन धर्मेण 12. 107. 30. आनृशंस्येन मानवान् 1. 111. 14d. आनृशंस्येन रूपेण 13. App. 16. 30 pr. आनृशंस्येन वृत्तेन 12. 107.78. आनृशंस्येन शूद्रांश्च 1. 80. 4. आनृशंस्येऽनुरक्तस्य 13. 5. 22deg. आनृशंस्ये व्यवस्थितः 5. 130. 20deg. आनेतुं रक्षसां नाथं 2. App. 17.8 pr. आ नैमिषाच्चैदयो ये विशिष्टाः 8. 30. 62.. आन्त्रेण पृथिवी दृष्टा 5. 141. 29. आन्ध्र मलं च चाणूरं 2. App. 21. 846 pr. आन्ध्राश्च द्रमिडास्तथा 6.50*. 1 post... आन्ध्रास्तालचराश्चैव 5. 138. 250. भान्ध्राः शकाः पुलिन्दाश्च 3. 186. 300. आन्वीक्षिकी यी वार्ता 12. 32*. 8 pr. ; 111*. 11 pr.. आन्वीक्षिकी तर्कविद्यां 12. 173. 450. 13. 37. 120.. आप आददते यदा 12. 225. 3.. आप इत्येव धर्मतः 12. 159. 300. आप एव मनुष्येषु 12. 218. 230. आपगा इव सागरम् 12. 207. 18d. आपगा नाम निम्नगा 8. 30. 14. -338
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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