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________________ आचख्युस्ते तु रामाय ] श्लोकपादसूची [ आचष्टे वृत्तचेष्टया आचख्युस्ते तु रामाय 3. 266. 230. आचख्युः कवयः केचित् 1. 1. 24". आचख्युः पार्थविक्रमम् 1. 212. 10". आचख्युः सजमित्येव 14.51. 3deg. आचख्यौ कर्म तत्सर्वं 10. 8. 140deg. आचख्यौ कर्म वैतानं 1. 155. 31deg ; App. 79.89 pr. आचख्यौ कार्यमस्य हि 5. 117.24. आचख्यौ च यथावृत्तं 5. 173. 10". आचख्यौ चेष्टितं जिष्णोः 1. 212. 15deg. आचख्यौ तत्र तापसान् 3. 115.2. आचख्यौ तत्समासेन 5. 130. 12. आचख्यौ तद्यथा धर्मः 1. 188. 22. आचख्यौ तद्यथान्यायं 12. 125. 24. आचख्यौ द्रुपदस्य च 5. 193. 9'. आचख्यौ धृतराष्ट्राय 5. 83. 17. 8. 1. 17. आचख्यौ परिविश्रान्तः 1. 38. 16. आचख्यौ पाण्डवान्वृतान् 1. 192. 21'. आचख्यौ भरतश्रेष्ठ 13. App. 1A. 179 pr. आचख्यौ स च विश्रान्तः 1. 428*. 2 pr. आचख्यौ सर्वमेव तत् 4. 1. 24. आचचक्षे क्रमेणास्मै 1. 1063*. 1 pr. आचचक्षे च मे सर्व 5. App. 9. 99 pr. आचचक्षे जनाधिप 2. App. 21. 31 post. आचचक्षे ततः सर्वम् 1.54. 239. 3. 12. 25deg. 12.885*.5 pr. आचचक्षे तपस्विनाम् 3. 155.7d. आचचक्षे नरर्षभ 12. 53. 17t. आचचक्षे परंतपः 9. 29. 42d. आचचक्षे पुनम्तस्मै 2. App. 21. 17 pr. आचचक्षे प्रजापतिः 1. App. 9. 13 post. आचचक्षे ममार च 3. 263. 200. आचचक्षे महाबाहो 5. 192. 12. आचचक्षे महायशाः 2. App. 28. 14 post. आचचक्षे यथातत्त्वं 19. 40. 27. आचचक्षे यथाविधि 1. App. 43. 13 post. आचचक्षे यथावृत्तं 1. 152.7. 2. 46. 4%; App. 37. 33 pr. 12. 31. 2. आचचक्षे शिखण्डिने 5. 193. 50d. आचचक्षे स धर्मात्मा 1. App. 86.52 pr. आचचक्षे सुतं प्रति 3. 127. 9". आचचक्षे स्मयन्निव 5. 128. 134. आचचक्षेऽस्य भारत 3. 60. 300. आचचक्षे हयज्ञाने 4. 35.5deg. आचतुर्दशमावर्षात् 1. 101. 26deg. आचतुर्युगमद्यापि 6. App. 3. 10 pr. आचन्द्राकं ममाभवत् 1. 1955 *. 6 post. आचम्य च यथाविधि 9.62. 370. आचम्य चैव हस्तेन 1. 107. 930. आचम्य पुनराचामेत् 14. App. 4. 1560 pr. आचम्य प्रयतः पुनः 14. App. 4. 1609 post. आचम्य मृत्तिकाः पश्चात् 14. App. 4. 1538 pr. आचम्य वारिणा तेन 14. App. 4. 2795 pr. आचरत्वन्मते राजा 8. 1142*. 2 pr. आचरत्यात्मनः श्रेयः 6. 38. 22. आचरत्सु विपर्यये 12. 221. 79. आचरद्भिव॑तं रौद्रं 13. App. 15. 387 pr. आचरन्ति चराचराः 3. 202. 9". आचरन्ती तपोविघ्नं 1. App. 100.76 pr. आचरनिह जाजले 12. 225. 40deg. आचरन्मदिरामपि 12. 35. 20. आचरन्विप्रियं राज्ञां 4. 1078*. 10 pr. आचरन्सर्वभूतेषु 12. 85. 49. आचरन्संशितव्रतः 12. 232. 20. आचरामि न संशयः 14.53. 164. आचरामि शुचिस्मिते 1. 78. 4". आचरिष्यन्ति पाण्डवाः 5. 28*. 1 post. आचरिष्यसि चेत्कर्म 12. 106. 30. आचरिष्यामि कुत्सितम् 4.56*. 1 post. आचरिष्ये जनार्दन 14. 51. 17. आचरेच्चाप्रमादतः 12. 120.04. आचरेद्वैर्यमात्मनः 12. 208. 124. आचरेयं च यद्विभो 1. 92. 14. आचरेयुर्यदा सेनां 12. 103.7deg. आचष्ट च मम प्रभो 10. 88. 10. आचष्ट तद्यथावृत्तं 16. 9. 38. आचष्ट तमभिप्रायं 5. 128. 12. आचष्ट निहतं भीष्मं 6. 14. 2. आचष्ट पुत्रलाभस्य 1. 1181*.2 pr. आचष्ट पुरुषर्षभ 13. 695*.2 post. आचष्ट भगवानृषिः 1. 1115*. 1 post. आचष्ट भगवान्वरम् 1. 113. 34. आचष्ट भरतर्षभ 13. 109. 100. आचष्ट मौसले वृष्णीन् 16. 6. 1. आचष्ट विधिवत्सवं 13. 63. 4deg. आचष्टेव च तद्युद्धं 7.883*. 1 pr. आचष्टे वृत्तचेष्टया 12. 115.9". पादसूची-39 -305
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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