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________________ अंशवो ये प्रकाशन्ते] महाभारतस्थ [आकर्षन्तः शरीराणि अंशवो ये प्रकाशन्ते 12. 328. 43. अंशस्तु शक्ति जग्राह 1.218. 330. अंशाह्रोणं समुत्पन्नं 1.61. 63. अंशानामाह सीबलीम् 1. App. 63. 30 post. अंशावतरणं चात्र 1. 2.76". अंशावतरणं राजन् 1. 61. 99. अंशावतरणं श्रुत्वा 1.61. 1024. अंशावतरणं सम्यक् 1. 62. 1". अंशावतरणे यासौ 2. 33. 12. अंशाश्च क्षितिसंप्राप्ताः 3. 42. 21". अंशुकं चोरयित्वा तु 13.562*.3 pr. अंशुजालेषु चन्द्रस्य 1. App. 100. 38 pr. अंशुमन्तमिवाम्बुदात् 1. App. 114, 403 post. अंशुमन्तं च संपूज्य 3. 106. 326. अंशुमन्तं समाहूय 3. 106. 6". अंशुमन्तं समुद्यन्तं 1. 160. 14. अंशुमानपि धर्मात्मा 3. 106. 354. अंशुमानपि संस्थितः 3. 106. 364. अंशुमानुदये यथा 7. 19. 174. अंशुमानेवमुक्तस्तु 3. 106. 20, 290. अंशुमान्भोजराजस्तु 8. 4. 670. अंशुमाली वृषाकपिः 3. App. 1.52 post. अंशुमांश्चेकितानश्च 1. 177. 10deg. अंशुमांस्तु महेवासः 3. 106. 170. अंशेन च विवस्वता 9. 44.5. अंशेनावतरस्वेति 1.58.51. अंशोऽप्यनुचरान्यञ्च 9. 44. 316. अंशो भगश्च मित्रश्च 13. App. 18.32 pr. अंशो मित्रश्च साध्याश्च 13. 86. 16". अंसदेशे च भारत 5. 185.64. अंसदेशे निहत्यान्यान् 10. 8. 111 . अंसयोश्च यमौ कृत्वा 3. 13. 83deg. अंसान्तिकं चेति षडुन्नतानि 5. App. 6. 10. अंसावलम्बितधनुः 3. 1113*. 1 pr. अंसे मां पाणिना स्पृष्ट्वा 9. 28. 47. आकरे लवणे शुल्के 12.69. 286. आकरैः शतशो वृतः 3. 267. 314. आकर्णपलितः श्यामः 7. 101. 699; 165. 49", 103". आकर्णपूर्णनिर्मुक्तैः 7. App. 15.5 pr. आकर्णपूर्णमाचार्यः 7. 101. 61". आकर्णपूर्ण च धनुर्विकृप्य 4. 49. 21. आकर्णपूर्ण चिक्षेप 7.72. 30deg. आकर्णपूर्ण प्रविकृप्य कर्णः 8. 1081*. 1. आकर्णपूर्ण मुमुचे 7. 1182*. 6 pr. आकर्णपूर्णायतचोदितेन 4. 60.2". आकर्णपूर्णायतमुत्ससर्ज 8. 66. 264. आकर्णपूर्णायतविप्रमुक्तान् 8. 47. 4. आकर्णपूर्णायतसंप्रयुक्तः 9. 16. 12. आकर्णपूर्णेन तदा 4.31. 18 pr. आकर्णपूर्णेन दृढायसेन 4. 60.8. आकर्णपूणैरभ्यन्नन् 7. 163. 10deg. आकर्णपूर्णरिषुभिर्महात्मा 8. App. 29. 5. आकर्णपूर्णेनिजघान कर्णम् 8. 1030*. 14. आकर्णपूर्णैर्निशितैः सुपुलै: 7. 94. 11'; 115. 15. आकर्णपूर्णैर्विशिखैः 8. App. 12. 6 gr. आकर्णपूर्णैः पुत्रस्ते 6. 245*. 1 pr. आकर्णप्रहितैस्तीक्ष्णैः 6. 69. 1863 287*. 1 pr. आकर्णमुक्तेन समाहितेन 8. App. 33. 15. आकर्णमुक्तैरभ्यन्नन् 4. 55. 22". आकर्णमुक्तैरिपुभिः 7. 120. 74deg. 8. 799*. 3 pr. आकर्णमुक्तैनिशितैः 7. 1299*. 2 pr. आकर्णमुक्तैर्निशितैः समर्प्य 8. 66. 26. आकर्णमूलं विव्याध 8. App. 12. 24 pr. आकर्णसमचोदितैः 7. 46. 9% ; 288*. 1 post. आ कर्णात्परवीरहा 7. 145. 10. आ आ कर्णादतिमारुतिः 8. 34. 38. आ कर्णादभिचोदितैः 7. 672*. 1 post. आ कर्णाद्दारितास्यश्च 7. 150. 5". आ कर्णाद्भिन्नवक्त्रश्च 1. 1648.2 pr. आकर्णापूर्णनिःसृतैः 7. 1299*. 9 post. आकर्ण्य भक्त्या सततं 18. 39*. 1 pr. आकर्षणं लीलयैव 4. 254*.2 pr. आकर्षणं वापि विकृष्य मुक्तं 8.661*. 9. आकर्षतुरथान्योन्यं 4. App. 11. 18 pr. आकर्षन्त महाराज 13. 50. 18. आकर्धन्तस्तथा पाशैः 13. App. 15. 2641 pr. आकर्षन्तः शरीराणि 7.72. 150. आकण्ठतृप्ता विप्रर्षे 3. App. 20. 116 pr. आकम्पित इवाभवत् 7. 169. 40f. आकरस्थं यथा रत्नं 13. App. TA. 90 pr. आकरं सर्वरलानां 1. 19. 50; App. 12. 9 pr. 13. 26. 57. आकराणां विनाशैश्च 12. 138. 61. -294
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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