________________ अहं हि पश्यामि नरेन्द्र देवं ] श्लोकपादसूची [अहिर्भवस्वेति रुषा अहःसु च निशासु च 5. 142.96.6. App. 4. 334 post. अहःसु विचरन्नी सा 1. App. 89. 7 pr. अहःसु विहरानेन 1.143. 184. अहःसु सततं तिष्ठेत् 12.36. 344. अहानि कतिचित्तत्र 3. App.25.20 pr. अहानि त्रिंशदव्यग्रः 14. 117*. 1 pr. अहानि पञ्च चैकं च 1. 225. 15. अहानि पञ्च द्रोणस्तु 1. 2. 26. अहानि युयुधे भीष्मः 1. 2. 26". अहानि सुबहून्यद्य 5. 184.3. अहान्यष्टादश प्रभो 14.59.35. अहान्यष्टादशाभवत् 1.2.2341. अहं हि पश्यामि नरेन्द्र देवं 12. 285. 28deg. अहं हि पाण्डवान्सर्वान् 5. 320*.2 pr. अहं हि पाण्डवान्हत्वा 5. 57. 164. अहं हि पितरः स्रष्टुं 12. 333. 16deg. अहं हि पुत्रशोकेन 12. 137.556. अहं हि पुरुषो ज्ञेयः 12. 326. 41. अहं हि पूर्वो वयसा भवद्भयः 1. 84.2. अहं हि ब्राह्मणः पूर्व 3. 205. 200. अहं हि भवता गोषु 4.3.86. अहं हि मनसा ध्याता 1. 143. 11". अहं हि मानी चेष्र्युश्च 1. 158. 12. अहि यद्यर्जुन यामि तव्र 8. 45. 62deg. अहं हि यन्ता बीभत्सोः 5.75. 190. अहं हि रक्षिता तात 7.52 25deg. अहं हि वचनं त्वत्तः 5.134. 134. अई हि वः पश्यतां द्वीपमेनं 5. 160. 136. अहं हि विदुरस्यास्य 5. 33. 5. अहं हि विश्वकर्मा वै 2. 1. 50; 9*. 1 pr. अहं हि शरणं देवं 4. 289*. 8 pr. अहं हि समये लिप्से 1. 1556*. 1 pr. अहं हि समरे वीर 13. 8*. 5 pr. अहं हि सः प्रहितः 1. 25.7. अहं हि सर्वयज्ञानां 6. 31. 24". अहं हि सर्व किल सर्वभावे 12.624*.5. अहं हि सह सोदर्यैः 7. 170. 28. अहं हि संशयं प्राप्तः 5. 191. 17". अहं हि सात्यकिं शिष्यं 7. App. 13. 10 pr. अहं हि सुभ्र राज्यस्य 4. App. 14.9 pr. अहं हृदि श्रिताः स्मृत्वा 3. 203*. 6 pr. अहं ह्यक्षानन्वपद्यं जिहीर्षन् 3. 35. 20. अहं शरण्ये कथमेकमेका 3. 250. 3deg.. अहं ह्येकः पार्थिवान्सर्वयोधान् 5. 47.99%. अहं ह्येतान्प्रति योत्स्यामि राजन् 6.76.10. अहं ह्येतावुभौ ब्रह्मन् 3. 84. 4". अहं ह्येनं वेशि तत्त्वेन कृष्णं 13. 143. 6. अहः कल्पसहस्रं वै 12. App. 29C. 11l pr. 13. App. 3. 297 pr. अहः कृत्वा सुखं तात 12. App. 29C. 83 pr. अहःक्षयमथो बुवा 12. 300. 3. अहः पूर्वं ततो रात्रिः 14. 44. 20. अहः समः स तस्यास्तु 9. 47. 37. अहः संवत्सरो व्याल: 13. 135. 23. अहः संवर्तको वह्निः 13. 135. 36deg. अहापयन्पाण्डवार्थ यथावत् 5.91. 190. अहापयित्वा यदि पाण्डवाथै 5.29. 41". अहार्यमपि शक्रेण 3. 34. 6. अहार्यैरव्यभीचारैः 12. 84. 17. अहात्स्वयमुद्यतम् 2. 49.6. अहार्पश्च वनं यान्तः 5. 8s.. अहार्युः पुजशो नृपाः 2.48.4. अहिक्षत्रं च निर्जयत् 3. App. 21.4t post. अहिच्छत्रं कालस्ट 5. 19. 30% अहिच्छत्रं च विष पम् 1. 128. 176. अहिच्छत्रे वसाम्यहम् 1. 168.*.2 post. अहितत्रासनं रणे 8. 40. 117. अहितत्वाय कल्पन्ते 5. 137.9. अहितहृदयभेदनं महदै 7. 63.33%. अहितं नो वदिष्यति 2. 46.71. अहितं वापि कर्मणा 13. 121.12. अहितानां च सेवनात् 12.91.274. अहितानां पुरंदर 12. 101. 22. अहितानि च वाक्यानि 13. 124.90. अहितानि च सेवते 12. 157. 12. अहितानि नृशंसानि 5. App. 12.58 pr. अहितानीव चीर्णानि 8. 4. 57. अहितान्निशितैः शरैः 8. 43. 76. अहिताः परुषा गिरः 2. 65. 8. अहितेषु कथं ब्रह्मन् 12. 104. 4". अहिते हितसंज्ञस्त्वं 12. 316. 276. अहितो लोकनाशनः 13. App. 15. 99 post. अहिरेव ह्यहेः पादान् 12. 196. 130. अहिर्बुनो निर्ऋतिश्च 13. 17. 100%. अहिर्भवस्वेति रुषा 13. 102.26. पादसूची-37 -289 -