________________ अश्वांश्च दिव्यानिच्छेयं] श्लोकपादसूची [ अश्वैरग्र्यजवैः केचित् अश्वांश्च दिच्यानिच्छेयं 1.215. 160. अश्वांश्च बहुधा पश्य 8.11.13. अश्वांश्च विविधान्दिव्यान् 2. App. 15. 223 pr. अश्वांश्च सूतं च तथा धनुज्यां 8.622*. 17. अश्वांश्चाश्वयुने वेत्ति 13.89. 14. अश्वांश्चास्य न्यपातयत् 7. 45.254. अश्वांश्चारयावधीतूर्णं 7.67.124. अश्वांश्चास्यावधीद्राजन् 6. 57.23. अश्वांश्चनान्यथाकामं 3.57. [8. अश्वांश्चोदय सारथे 7.91. 15. अश्वांस्तथा वेगवतः 3. 167.12. अश्वांस्त्यावधीतूण 9. 16.75. अश्वांस्तित्तिरकल्माषान् 4. App. 62.7pr. 12. 124. 12. अश्वांस्तित्तिरिकल्माषान् 2. 47.4"; 54. 2:20. अश्वांखियेणुं तल्पं च 3. 231. 5. अश्वाः शशाङ्कसदृशाः 7.22.50%. अश्वाः शोगाः प्रकाशन्ते 4.53.. अश्वाः सर्वे जिता मया 9.3.9. अश्विनाथलारानी 5.60. 44. अश्विनावपि तद्राजन् 3. 1:23. 16. अश्विनावपि देवेन्द्र 3. 124.11. अश्विनावपि सप्रियो 8. 986*. 1 post. अश्विनापश्विसंभवौ 1. App. 37.22 post. अश्विनाराजुहार च 1.30*. post. अश्विनाविन्द्रममृतं वृत्तभूयौ !. 3.66". अश्विनाविध दुःसहौ 3. 48. 4. अश्विनाविध देवानां 1. 138. 20. अश्विनाविध नन्दने 14. 15. ". अश्विनाविध रूपेण 5. 166. 18. अश्विनाविव वासवम् 8. 15.71. 10. 13.6. अश्विनाविध सोदरौ 8. 31... अश्विनीपौर्णमास्यां तु 13. App. 14. 221B 46 pr. अश्विनोरुत्तमं तदा 3. 124.11. अश्विनादेवयोम्तदा 3. 124.8. अश्विनोर्मरुतां चैव 13. 110.88". अश्विनोश्च परंतप 2. Ap. 21. 1143post. अश्विनोश्च महात्मनोः 7. App.5.11 post. अश्विनोचैत्र वदश्च 13. 61.. अश्विनोस्तीर्थमासाद्य 3 81. 11. अश्विनोस्तु तथा स्थाने 18. 1.6". अश्विनोस्तु तथैवांशी 1.61.85". अश्विनोः प्रतिमाम्तथा 7. 30. 18. अश्विनोः प्रतिसंश्रुत्य 13. 111. 100. अश्विनोः सदृशो रूपे 3. 50. 26. अश्विनौ कर्णयोदेवी 2. App. 21. 56 pr. अश्विनौ च मरुङ्गणाः 4.917*.5 post. अश्विनौ च महावीर्यों 2. App. 21.625pr. अश्विनौ च सुरूपिणौ 2. App. 21. 262 post. अश्विनौ तु मतो शूद्रौ 12. 201. 236. अश्विनौ देवगन्धर्वाः 12. 310. 19". अश्विनौ भरतर्षभ 9. 11. 4. अश्विनौ भिधजां वरौ 7. App. 8.533 post. 12.274.8. 13. App. 14. 37 post. अश्विनौ मरुतश्चैव 12.App.28. 18 (subst.) 1 pr. अश्विनौ मरुतस्तथा 6. 33.6". अश्विनौ यमजावुभौ 15. 39. 11'. अश्विनौ रूपसंपन्नी 13. App. 11.221B 45 pr. अश्विनौ रूपसंमती 13.85. 18'. अश्विनी वसवश्चाष्टौ 1. 111. 500. अश्विनौ श्रवणौ नित्यं 6. 61.564. अश्विनौ समरुद्रणाः 13. App. 11.586 (sulyst.) 1 post. अश्विनी समरुङ्गणौ 3. 248*. 1 post. अश्विन्यां सक्थिनी चैव 13. App. 12A.Tpr. अश्विभ्यामपि चर्षिभिः 12.220. 9. अश्विभ्यामुत्तमं ग्रहम् 3. 124. 16. अश्विभ्यां गुह्यकान्विद्धि 1. 60. 300. अश्विभ्यां च वृतः प्रभुः 9. 41.6. आश्विभ्यां तु यमावुभौ 1.7.98. अश्विभ्यां पतये चैव 12.327. 924. अश्विभ्यां मनुजव्याघ्रौ 1. 11:24. अश्विभ्यां रूपवर्चस्यं 13. 26. 19. अश्विभ्यां सह कौशिकः 3. 121. 20. अश्विभ्यां सह नेच्छामः 13. 141. 187. अश्विभ्यां सह सोमं च 13. 111.26%. अश्विभ्यां सह सोमं वै 13. 650*. G pr. अश्विभ्यां सहितान्देवान 3. 125.. अश्विसालोक्यमश्वदः 11.AP.4.2187post. अश्वे अश्वे शतं गायः 7. APP..90 pr. अश्वे अश्वे सहस्रं गाः 7. Apps. 636pr. अश्वेनाश्वं जघानाथ 1. IRGE. I pr. अश्वेनाश्वी पदातिश्च 6. 1.29. अश्वेनेव युगं नद्धं 2.42 . अश्वेऽश्वे दश धानुष्काः 6.20. 170. अश्वेषु भूमावपि च 1.128.. अश्वे वधिकृतः पुरा 4.70. I post. अश्वरय्यजवैः केचित् 6. 11.2a". ---53 -