________________ अश्वमेधसहस्रस्य ] श्लोकपादसूची [ अश्वस्येवास्य यत्स्थाम अश्वमेधसहस्रस्य 3. 401.5 pr. 6.512*.7 pr. 7. 1473*. 1 pr. 12.310.9"; App. 28.393 pr. 13. 110. 41. 14. App. 4. 1206 pr... अश्वमेधसहस्रं च 1. 69. 220. 3. 126. 60; 259*. 1 pr. 12. 156. 26". 13. 23. 14"; 74.29%; AP. 20. 330 pr. 16. App. 4. 1869 pr. अश्वमेधसहस्राणां 12. App. 17B. 156 pr. अश्वमेधसहस्राणि 1. 894*.2pr. 2. App. 39. 109 pr. अश्वमेधसहस्रात्तु 3. 259*. 2 pr. अश्वमेधसहस्राद्धि 1. 69. 22. 12. 156. 26. 13.74.29%; 205*. I pr.; App. 20. 331 pr. अश्वमेधसहस्रेण 1. 893*. 2 pr. 3. 80. 107. 12. 29. 42. 13. App. 15. 4048 pr. 15. 12. 23". 18. App. 3.5pr. अश्वमेधसहयैर्वा 13. App. 15.2176 pr. अश्वमेधस्य कौरव्य 14. 70. 17. अश्वमेधस्य यज्ञस्य 3. 418*. 1 pr. 13 109. 42"; 110. 37". अश्वमेधस्य यत्पुण्यं 3.82. 124", 14. App. 4. 2950 Pr. अश्वमेधस्य संसिद्धिं 14. 133*. 16pr. अश्वमेधं ऋतुवरं 9.49.354. अश्वमेधं च तत्समम् 14. App. 4. 1865 post. अश्वमेधं च विन्दति 3. 80. 800%3; 81. 21. अश्वमेधं दशगुणं 3.80. 48', 87deg3; 83. 4. अश्वमेधं प्रति तदा 14.61. 1863 62. 1. अश्वमेधं महायज्ञं 14.94.6. अश्वमेधं महायागं 12. App. 11.9pr. अश्वमेधं महीं गतः 13. 140. 10. अश्वमेधः क्रतुश्रेष्ठः 1. 1204*. 4 pr. अश्वमेधाग्निमाहृत्य I. App. 69.57 pr. अश्वमेधादिकान्वहून् 1. 482*. 1 post. अश्वमेधादिभिर्यज्ञैः 13. 6. 3:24. अश्वमेधादिभिर्वीर 3.61. 134. अश्वमेधाभिवर्धितान् 18. 3. 23. अश्वमेधामृतरसः 1. App. 1. 53 pr. अश्वमेधाय दीक्षितः 3. 183. 14. अश्वमेधाय पार्थिवम् 14.72. 14. अश्वमेधे कतुश्रेष्ठं 2. App. 21.323pr. अश्वमेधे.ग्रजः पशुः 3. 209.3. अश्वमेधे तदागन्ता 14. 197*.pr. अश्वमेधेन वापीष्ट्वा 12. 150. 48. अश्वमेधे नृपस्य नः 14.53.270; 85.23d. अश्वमेधे पुरा वृत्ते 14. App. 4. 1 pr. अश्वमेधे महाक्रती 1. 191. 10. अश्वमेधे महामथे 7.NPNETpost., 639 post., 20 . 12.29. 102. अश्वमेधे महायज्ञे 1.2200; 112.12% App. 52. 1 pr. 11.2.2603:01. 11"; 92.2. अश्वमेधे श्रुतिश्चेयं 15.42. 100. अश्वमेधे हयं मेध्यं 2.1:.". अश्वमेधैश्च यष्टव्यं 12. 127. 100. अश्वमेधो महात्मनः 12.123.5% अश्वमेधो महायज्ञः 12.31.264. अश्वमेधो राजसूयम्नष्ट: 5.27.15. अश्वमेधो राजसूयः 3.31. 16". अश्वमेधो हिरान्द्र 11.70. 160. अश्वयानं तु गोगानं 14.ASP. 4. 767pr. अश्वयाने बले तथा 8.23.40d. अश्वयुक्त स्थैश्चापि 16. 5. 33. अश्वरत्नमनुत्तमम् 1. 15. अश्वरवोत्तरं रानः 14.10. . अश्वराजश्च निहत: 5. 128,16. अश्वरोधसरः प्रति 1. pp. 115.31 post. अश्ववन्तमभिन्यन्न 1. 89. 14. अश्ववन्ति च शनानि 13. 60. 136. अश्वविद्याविदश्चय 14.71.. अश्वगपुरोबात: 4. 13. 14". अश्ववृन्दान्यदृश्यन्त 7.12.26. अश्वगन्दे ना 6.50. 104. अश्वगुन्दैमहद्भिश्च 6.7.13 अश्वशालामुपागम्य 3.60.10. अश्वश्चोत्सृज्यतामा 14.71. 11. अश्व संघांश्च फल्गुनः 8. 10.01. अश्वमंजपनं प्रति 15. 12. 10. अश्वसेनश्च बलवान 1.859*. 1 pr. अश्वसनस्तु तत्रासीत् 1.218.5". अश्वसेनस्त्वमुच्यत 1.218.50. अश्वसेनं मयं चापि 1.219. 40%. अश्वस्कन्धे चक्रेषु I. App. 103. 157 pr. अश्वस्कन्थैर्गजस्कन्ध 12.99. 35. अश्वन्तथैव मिजम् 12.305. 37. अश्वस्तनमृधीणां हि 12.8.124. अश्वम्तनविधानः स्यात् 12.237.6. अश्वन्तनविधानेन 12. 159. 11". अश्व तनोऽथ कापोती 12.235.34. अश्वस्य मध्यस्य शिरो निकृत्तं 7. 11.'. अश्वस्येवास्य यत्स्थाम 1. 121. 1 - 251 --