________________ अशिज्यं शास्ति यो राजन् ] महाभारतस्थ [अशेत तां निशा राजा अशियं शास्ति यो राजन् 5.33. 38". अशीतिगोसहस्राणि 2. App. 33.51 pr. अशीतिभिस्टैहीनं 1. 158.7. अशीतिर्जनमेजपाः 2. 8. 214. अशीतिर्धर्मकामास्त्वां 12. 18. 136. अशीतिशतमष्टौ च 3. 100. 36. अशीतिशतवयं 4.5. 200; 170*.3 pr. अशीति धर्मपृष्ठात्तु 3. 407". pr. अशीति योजनरतं 3. 407*. I pr. अशीते विद्यते शीत 12.91.31. अशीत्यर्धे शिरसि च 14. App. 4. 3311 pr. अशीत्या कृतवर्माणं 7.46.8. अशीया क्षत्रवाणं 7. 20. 41". अशीत्या निशितैर्वाणैः 6. 48. 37. अशीया पुनराहत्य 7. App. 22.31 pr. अशुभत्याशुभं विद्यात् 12. 37. 10deg. अशुभं किं नु नः कृतम् 14. App. 4. 2049 post. अशुभं कीदृशं कर्म 13. App. 15.2786 pr. अशुभं च विशां पते 3. 164.45. अशुभं तद्भवेडीज 14. App. 4. 480 pr. अशुभं धर्मदूषणम् 5. 111.7%; 119.4. अशुभं नास्ति मे क्वचित् 2. App. 17. 50 post. अशुभं निर्हरेत्सद्यः 13. App. 15. 932 pr. अशुभं पूर्वमित्याहुः 13. App. 15. 2253 pr. अशुभं प्राप्नुयान्नरः 5. 156. . 6. 16.:. अशुभं फलति ध्रुवम् 13. App. 15. 3478 post. अशुभं योजयेत्रान् 13. App. 15. 987 post. अशुभं वाक्यमादत्ते 1. 69. 9. अशुभं वा शुभं वापि 1. App. 84. 2 pr. 2. 45.51". अशुभं विद्यते क्वचित् 13. 135. 131deg; App. 20. 373 post. अशुभं स्याञ्च राजेन्द्र 4. 1091*.7 pr. अशुभा गतयः प्राप्ताः 14. 16. 300. अशुभानां च पावनैः 13. 120. 44. अशुभानां शुभं फलम् 12. 37. 12. अशुभानि निराचष्टे 1. 14*. 1 pr. अशुभा पापकर्मिणा 13. App. 14. 221 ( subst. A) 3 post. अशुभे नैव योजयेत् 13. App. 15. 1555 post. अशुभेभ्यः समाक्षिप्य 12. 297. 19. अशुभैर्वा निरादानः 3. 181. 26deg. अशुभैश्चाप्यधो जन्म 12. 316.25. अशुभैः कर्मभिश्चापि 3. 181. 196. अशुभैः कर्मभिः पापाः 3. 181. 186. अशुभैः पापकर्माणः 13. 189*.2 pr. अशुश्रुम भृशं चास्य 6.67.54. अशीत्या मार्गणैः क्रुद्धः 8. 18. 67. अशीत्या शनि चैव 4. App. 45.89 pr. अशीत्याशीविषप्रख्यैः 8. 17.56. अशीत्या सूतपुत्रं तु 4. 1013*.5 pr. अशीलश्चापि पुरुषः 3. 198. 33". अशुद्धं चेतसः सौम्य 12. 228. 200. अशुचित्वं न संशयः 12. App. 30. 24 post, अशुचि व चाश्नीयात् 13. 210*.6 pr. अशुचिर्ब्रह्मफूटोऽस्तु 13. 95. 684; 96. 20. अशुचिश्च शुचिश्चापि 12. App. 18.59 pr. अशुचीजटिलाननान 7. 68, 414. अशुचीन्यत्र पश्येत 12.276.51". अशुचींश्च यदा क्रुद्धः 12. 68. 41". अशुचौ मांसकलिले 13. 128. 156. अशुद्ध एवं शुद्धात्मा 12. 293. 10. अशुद्ध पितृयज्ञेषु 13. App. 15.3510 pr. अशुद्धं सचिवं राजन् 12. 203*.8 pr. अशुद्धा मल दिग्धाङ्गाः 13. App. 15. 4638 pr. भशुद्धाश्च तथैव च 13. App. 15. 1676 post. अशुद्धे कोसलात्मजे 1. 1064*. 1 post. अशुद्वेनैव नाशय 12. 203*. 8 most. अशुनां नः शुनामिव 12.7. 10. अशुभविट् शुभप्रेप्सुः 4. 27.23. अशुभस्य चतुर्थीशः 12. 70. 154. भशुभस्य तदा अर्ध 12. 70. 17". अशुभत्य शुभस्थापि 13. App. 15. 2214 pr. अशुभस्यापि दानस्य 13. App. 15. 3611 pr. अशुश्रूयुर्गुरोः शिष्यः 12.221.71. अशुन्यत्तेन तज्जलम् 3.168.81. अशून्या न च संश्लिष्टाः 13. App. 14. 41343 pr. अशून्या रुचिरा भाति 2. 10. 13. अशृणोत्परुषा वाचः 5.88.85%. अशृण्वतः स्वनं तस्य 7.50.31. अशृण्वन्त्या वचो मम 1. 145. 29". अशृण्वन्व्यथितेन्द्रियः 7. 102.64. अशृण्वाना धार्तराष्ट्रा ध्रियन्ते 5. 26. 21. अशृण्वानाः पुराणानां 12. 65.26". अशेत तां निशां राजा 3. 6*. 2 pr. -241 --