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________________ अवध्यौ सर्वलोकस्य] महाभारतस्थ [अवमन्यसे मां नृपते अवध्यौ सर्वलोकस्य 1. 201. 26. भवनर्दू समन्ततः 13. App. 1A,224 post. अवनाहं च तक्षकम् 7. App. 25.6 post. अवनितलगतैश्च भूतसंधैः 7. 36. 36deg. अवनितलगमन दिव्यनगां 13, App. 14. 105A 10 pr. अवनिस्त्वधिकं बभौ 7.333*.2 post. अवनिं प्रमदा गाश्च 3. 294.6". अवनीतलचारिणौ 12. 30.7". अवनेमुः कुरूणां हि 4. App. 45.73 pr. अवन्तिराजो रखानि 2. App. 33. 41 pr. अवन्तिषु प्रतीच्यां वै 3. 87. 10. अवन्तीमृक्षवन्तं च 3.58. 20. अवन्दत तदा कृष्णः 7.57. 43. अवन्दत धनंजयः 3.835*.2 post. अवन्दत स पार्थिवः 13. 54, 31". अवन्दत्म पितामहम् 3. 213.344. अवन्दन्त गतलमाः 3. 155. 181. अवन्दिताश्च हिंसेयुः 13. App. 14. 524A 1 pr. अवन्ध्यकाला येऽलुब्धाः 13.272*. 1 pr. अवन्ध्यकालेषु सदा 13. 59*. 1 pr. भवन्ध्यकालो वश्यात्मा 5. 33. 24. 12. 223. 19". अवन्ध्यं दिवसं कुर्यात् 13. 113. 24. अवपातेन महतां 3.890*.2 pr. अवपीड्य बलादिव 1. 151. 22. अवप्लुतमथाप्लुतम् 9. 56. 194. अवप्लुतः सिंह इवाचलानात् 6.81. 35. अवप्लुतौ रथोपस्थात् 7. 105. 33. अवप्लुत्य च वेगेन 8. 468*. 1 pr. अवलुत्य ततो वाहात् 6. 100. 269. अवप्लुत्य नरर्षभः 7. 134.51'. अवप्लुत्य पदानि पद 7. 13. 68. 8. 18. 35. अवप्लुत्य महाबलः 6. App. 4. 204 post. अवप्लुत्य महारथः 6.73. 67; 79. 46; 100. 22%; 109. 14. 7. 105. 32deg; 142. 25*. 8. 38. 9deg; 44. 21. अवप्लुत्य युधिष्टिरः 7. 81. 41. अवप्लुत्य रणाजिरे 8. 19.554. अवप्लुत्य रथाच्चापि 7. 98. 49". अवप्लुत्य रथाच्चैद्यः 7.749*. 1 pr. अवप्लुत्य रथात्तस्मात् 7.143. 10. 8. App. 13. 13 pr. अवप्लुत्य रथातूण 6. 90.21%; 92. 38%; 98. 29. 7.98. 52%; 169. 44%; 1202*. 1 pr. 9.24.285. अवप्लुत्य रथाइली 6. 78.48. अवप्लुत्य रथाद्वीरौ 7. 171. 10deg. अवप्लुत्य रथोत्तमात् 6.45. 40. 7. 142. 10. अवलुत्य विशां पते 8.44. 41. अवलुत्य सुतस्तव 8. 19. 42. अवप्लुत्य स्थितो महीम् 8. 8. 42. अबलुत्याथ पाञ्चाल्यः 6.82.34". अवबद्दशिरस्त्राणः 9.54. 150. अपबन्धो हि मुक्तस्य 12. 318. 52. अबबुद्ध यथातथम् 3. 215.71. अवबुद्धं विशां पते 4.3.84. अवबुध्यति यदा तदा शुचिर्भवेदिति 12. App. 29D. 295. अवबुध्यात्मनात्मानं 12. 162. 46". अवबुध्याथ मानवः 12. App. 9A. 57 post. अवबोध इति स्मृतः 13. App. 11. 346 post, अवबोधाद्वि भीतास्मि 4.21. 136. अवभय॑ च राधेयं 5.21. 18. अवभोत्स्यन्ते भारतानां चराः स्म 3. 35.9. अवमत्य कृतं सर्वम् 4. 1144*. 40 pr. अवमत्य च वीर्य मे 5. 586*. 1 pr. अवमत्य तदा देवैः 1. 599*. 2 pr. अवमत्य तु याः पूर्वं 13. App. 15.4660 pr. अवमत्य पतन्त्येव 14. App. 4. 3257 pr. अवमत्य शुभे तं त्वं 13. App. 15. 4524 pr. अवमत्यास्य तद्वाक्यम् 3.251. 20%. अवमत्यैव तां जाति 13. App. 15. 1531 pr. अवमन्य गुरुं मां च 3. 259. 35. अवमन्य ततः कोपात् 1. 169. 186. अवमन्यत तान्वीरान् 5. 48. 350. अवमन्य ततो द्विजान 3. 177.9. अवमन्वत पाण्डवान् 7. 87.39%. अवमन्यति यः सिद्धान् 3. 219. 480. अवमन्य धनेश्वरम् 3. 152.6". अवमन्य नरेन्द्रत्वं 13.55.28. अवमन्यन्ति भर्तारं 12.56. 49%. अवमन्यन्ति मानवान् 13. App. 15. 2053 post. अवमन्यन्ति ये नराः 14. App. 4. 3254 post, अवमन्यन्ति ये विप्रान् 14. App. 4.543 pr. अवमन्य बहूंश्चाहं 8. 28. 49. अवमन्यमानो यान्याति 7.51. 29. अवमन्य रथं हंसान् 8. 28. 38%. अवमन्य स तत्सर्व 3. 262. 320. अवमन्यसे मां गान्धारे 8.23.210. अवमन्यसे मां नृपते 5. 190. 224. -226 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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