________________ अर्चितो यहुमुख्यैस्तु] श्लोकपादसूची [अर्जुनस्तु रणे शल्य अचितो यमुख्यस्तु 2. App. 21. 925 pr. अर्चितोऽस्तु बृहस्पतिः 1.71. 194. अर्चितोऽस्मि यथान्यायं 13.20.20%. अर्चितोऽहं त्वया राजन्न 13. 119. 180. अर्चित्वा चैव यत्नतः 12. 63. 200. अर्चित्मा पर्युपासीनी 3. 115. 20. अचिंत्या भोजयामास 13. 121. 4. अचिंर्धाराभिसंवई, 1.217. 220. अचिभिरिव सूर्यस 9. 16. 70deg. अर्चिभिः प्रज्वलम्मुहः 1. 16.22. अचिभिः सर्वतोऽम्बर 1. 28. 23deg. अर्चिषस्ते महावीर्य 1. 223.8. अर्चिपा प्रज्ञया / 5. 168*. 4 pr. अर्चिषो याश्च ते रुद्राः 13. 85. 23". अर्चिधातो महेवालान 5.56.45%. अर्चिष्मन्तमनिन्धनम् 13. App. 3A. 185 post. अर्चिष्मन्तमियानलम् 3. 146. 70". अर्चिष्मन्तं बलोपेतं 5, 134. 20%. अचिमन्तं श्रिया जुष्टं 2 App. 15. 172 pr. आर्चन्मन्नो बर्हिषदः 12.261. 140. अर्चि सन्तो व्थरोचन्त 6. 16. 30deg. अर्चिष्मानचितः कुम्भः 13. 135. 81". अर्चि मान्प्रतपल्लोका 6. 115. 49. अर्चिष्यन्द्रिजसत्तमम् 5. 180. 13. अर्चेदतिथिमागतम् 14. 46. 13%. अचंद्देवानदम्भेन 13. 148. 360. अचंद्देवान्न दम्भेन 12.71. 9". अय॑ते मधुपकैश्च 5. 82. 13. अर्च्यतेऽर्चितपूर्व वा 13. 14. 101. अर्च्यते वै विमानस्थः 13. 110. 70deg. अय॑मर्चितमाह 2. 35. 20deg ; 36. 4. अय॑मानास्तु भारत 2. 410*. 2 post. अर्चमानैः समन्ततः 13. App. 20. 115 post. अय॑श्चज्यश्च मानवैः 6.62.294. अश्विमेधमानोति 13. App. 12. 6 pr. अाः पूज्याश्च सान्याश्च 4. 66. 17* ; 1144*. 22 pr. अर्जयित्वा धनं पूर्व 13.21.320. अर्जयित्वाविहिंसकः 13. 113. 18%. अर्जितं मे महत्फलम् 5. 1:21. 114. अर्जितं स्पेन वीर्येण 3. App. 21. 29". अर्जुनजस्तचेतसः 2. App. 39. 252 post. अर्जुन त्वत्प्रसादेन 6. App. 3. 13 pr. अर्जुन त्वं कथं कर्म 4.52*. 1 pr. अर्जुन त्वं प्रशंससि 12. 19. 21". अर्जुनप्रमुखा रथाः 1. App. 103. 160 post. अर्जुनप्रमुखाश्चापि 14.62. 16. अर्जुनप्रमुखाः पार्थाः 6. 101. 184. अर्जुनप्रमुखैर्गुप्तां 15. 30.10. अर्जुनप्रमुखैः पार्थः 1. App. 80. 40 pr. अर्जुनश्च परंतपः 7. 1028*.2 post. अर्जुनश्च पुनः पुनः 15. 19. 9. अर्जुनश्च महातेजाः 15. 30. 11". अर्जुनश्च यथा गतः 8. 31. 10. अर्जुनश्च यथा संख्ये 6. 97.6". अर्जुनश्च यमौ चैव 3. 232.70. अर्जुनश्च यमौ चोभौ 2. 43.7deg. अर्जुनश्चापि तं देवं 7.57. 450. अर्जुनश्चापि नृपतेः 8. 111*. 2 pr. अर्जुनश्चापि यच्चके 7. 80. 43". अर्जुनश्चापि राधेयं 7. 31. 580. अर्जुनश्चापि संकुद्धः 6. 82. 37". अर्जुनश्चेदमब्रवीत् 9.61. 15. अर्जुनस्तत्तथाकार्षीत् 5. 63. 160. अर्जुनस्तत्त्वतोऽब्रवीत् 4.722*. 3 post. अर्जुनस्तन्महद्वाक्यम् 5. 58. 30deg. अर्जुनम्तस्य चान्वेव 17. 1. 200. अर्जुनस्तस्य वाजिनः 4.52. 84. अर्जुनस्तानसंप्राप्तान् 14. 74. 14". अर्जुनस्ताः स्म नाथं च 16. 34*. 1 pr. अर्जुनस्तु कटाक्षेण 7. 169.7". अर्जुनस्तु ततः कुन्द्धः 3. 1214*.8 pr. 6.54. 24. अर्जुनस्तु ततः सर्व 1. 122. 43. अर्जुनस्तु ततो दिव्यं 8. 45. 5. अर्जुनस्तु तथेत्युक्त्या 6. 116. 19". अर्जुनस्तु तदा श्रुत्वा 1. App. 115. 2 pr. अर्जुनस्तु तदा हृष्टो 4.893*. 2 pr. अर्जुनस्तु द्रुतं गत्वा 7. 146. 340. अर्जुनस्तु नरव्याघ्र 6. 100. 10. अर्जुनस्तु नरव्याघ्रः 6. 48. 120. अर्जुनस्तु परं यत्रं 1. 123. 1". अर्जुनस्तु महाराज 6.112.814. 7. 172. 320.8.57. 10. 12. 49. 381. 14. 75. 15". अर्जुनस्तु रणे नागं 6. 112.57". अर्जुनस्तु रणे नादं 6. 98. 13*. अर्जुनस्तु रणे राजन् 6. 106. 1". अर्जुनस्तु रणे शल्यं 6. 110. 1". -207 -