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________________ [अ]गमयद्यमसादनम् ] श्लोकपादसूची [अगस्त्यस्यालयं दिव्यं [अ]गमयद्यमसादनम् 6.50. 704. अगमद्रथिनां वरः 7. 122.54. अगमद्रावणानुजः 2. App. 17.57 post. अगमद्रुदती तदा 16. 4. 23. अगमद्वनमेव सः 3. 97.22. अगमद्वाक्यमाह च 12. 162. 434. अगमद्वो मनस्तदा 7. 1. 46. अगमन्नो मनः कणं 7. 1. 43. अगमन्प्रक्षयं केचित् 3. 167. 15. अगमन्सहितास्तत्र 3. 155. 31. अगमं तत्र तं देशं 13. App. 15. 419A 1 pr. अगम्यकल्पा पृथिवी 7.40.19.8.481*.1 pr. 11.16.55 अगम्यदेशगमनात् 13. App. 15. 2315 pr. अगम्यमार्गा समरे 8. 19.30'. अगम्यरूपं च शरैः 7. 1300*. 2 pr. अगम्यरूपा पृथिवी 3. App. 26. 16 pr. 6.53. 21"; 114.720. 7. 164. 82. 8. 19.7303; 56. 39". 9. 13. 174. अगम्यरूपां पृथिवीं 7.95. 39". अगम्यं मनसाप्यन्यैः 1. 15.80; 26. 17. 2. App. 12. 29 pr. अगम्यः कुरुनन्दन 3. 147. 40. अगम्या कालगोचरैः 3. 247.24". अगम्यागमनं कस्मात् 1. 173. 20. अगम्यागमनं चैव 12.59. 200. 13. App. 15.2801 pr. अगम्यागमनं स्त्रीणां 1. 1189*. 4 pr. अगम्यागमनाच्चैव 13. 48. 1903; App. 15. 2768pr. अगम्यागमनाय च 13. App. 6. 18 post. अगम्यागमने राजन् 12. 36. 31". अगम्यानि नरैरल्पैः 3. 91. 4. अगम्या परभायेति 12. 308. 62. अगम्यामकृतात्मभिः 7. 102. 4. अगम्या युधि कस्यचित् 6.64. 144. अगम्याश्च न गच्छेत 13. 107. 1096. अगम्या समभूद्धरा 9.79*.3 post. अगम्याः कीर्तिता बुधैः 1.780*. 2 post. अगम्यो मानुषैः सदा 3.718*. 1 post. अगरुभिः सचन्दनैः 3. App. 11. 44 post. अगरून्स्फाटिकांश्चैव 2. App. 34. 9 pr. अगर्वितात्मा युक्तश्च 1. App. 81. 143 pr. अगर्हणीयो न च गर्हतेऽन्यान् 12. 237. 35". अगस्ते पूर्वनिर्जितान् 12. App. 29 E. 352 post. अगस्तेर्मुदिताम्तदा 12. App. 205. 318 post. [अ]गस्तेः पैतृक आश्रमः 12. App. 29E. 31 post. अगस्तेः साधुवादिनः 12. App. 29E. 323 post. अगस्त्य इति विख्यातः 3. 506*. 10 pr. अगस्त्य एव कृत्स्नं तु 3. 97.6". अगस्त्यगीता मौद्गल्याः 14. App. 4. 41 pr. अगस्त्यतीर्थं च पवित्रपुण्यं 3. 118. 4. अगस्त्यतीर्थं पाण्डयेषु 3. 86. 10. अगस्त्यतीर्थं सौभद्रं 1. 208. 30. अगस्त्यमत्यद्भुतवीर्यदीप्तं 3. 102. 7deg. अगस्त्यमथ कश्यपम् 13. 389*. 4 post. अगस्त्यमन्वयाद्धित्वा 4. 20. 11'. अगस्त्यमाश्रमस्थं वै 13. 102. 14. अगस्त्यमृषिमासाद्य 3. 197.26. अगस्त्यमृषिसत्तमम् 3. 158. 52. अगस्त्यवचनं श्रुत्वा 12. App. 29E. 350 pr. अगस्त्यवटमासाद्य 1. 207. 20. अगस्त्यशापाभिहतः 5. 18. 13. अगस्त्यशास्तामभितो दिशं तु 1. 184.90. अगस्त्यशास्तां च दिशं 5. 141. 41". अगस्त्यश्च परां प्रीति 3.95. 12. अगस्त्यश्च महातेजाः 2. 125*. 1 pr. अगस्त्यश्च वसिष्ठश्च 1. App. 37.21 pr. अगस्त्यश्च श्रुतर्वा च 3.96. 120. अगस्त्यश्चापि भगवान 3.94. 11. अगस्त्यश्चापि वैद| 5. 115. 120. अगस्त्य श्रेष्ठ साधूनां 12. App. 295. 245 pr. अगस्त्यसर आसाद्य 3.80.636. अगस्त्यसहिता देवाः 3. 102. 230. अगस्त्यस्तांस्ततः सर्वान् 12. App. 29 E. 269 pr. अगस्त्यस्य कृताञ्जलिः 12. App. 29E. 403 post. अगस्त्यस्य च राजेन्द्र 3. 85. 150. अगस्त्यस्य तदा क्रुद्धः 13. 103. 20deg. अगस्त्यस्य द्विजोत्तमः 3. 98. 14. अगस्त्यस्य धनुर्वेदे 1. App. 80. 17 pr. अगस्त्यस्य प्रभावेन 3. 102. 14. अगस्त्यस्य भृगोस्तथा 13. 102.34. अगस्त्यस्य महात्मनः 3. 94. 30; 97.7; 177. 10. 14.95. 12. अगस्त्यस्य महायज्ञे 14.95. 4. अगस्त्यस्य महाराज 3.98.2%. अगस्त्यस्यातितपसः 14.95. 15. अगस्त्यस्याभिचारेण 1. 109. 150. अगस्त्यस्यालयं दिव्यं 2. App. 15.77 pr. - 13
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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