________________ अभ्यासयोगेन ततः] महाभारतस्थ [अमङ्गल्यध्वजश्चैव अभ्यासयोगेन ततः 6. 34.9. अभ्यासश्च भवेद्भक्त्या 3. 192.21. अभ्यासश्चैव भारत 13. 107. 13d. अभ्यासं च चिकीर्षति 12.265.44. अभ्यासं च निषेवते 3.201.34. अभ्यासाच्च प्रवर्तते 12. 157. 11'. अभ्यासाच्चैव वर्धते 12.265. 11". अभ्यासात्स तथा युक्तः 12. 204. 14. अभ्यासाद्रमते यत्र 6. 40. 36deg. अभ्यासाद्विनिवर्तयेत् 12. 266.". अभ्यासेन तु कौन्तेय 6. 28. 35. अभ्यासेऽप्यसमर्थोऽसि 6. 34. 10. अभ्याहतानां कर्णेन 8.51. 94. अभ्याहतानां रथयूथपेन 8. 60. 11'. अभ्याहनदमेयात्मा 1. 96. 25. अभ्याहनन्महाबाहुः 4. App. 24. 19A 1 pr. अभ्याहनन्महाराज 4. App. 24. 18A1 pr. अभ्युच्छ्रयश्च रोम्णां वै 1. 5.50. अभ्युच्छ्रितकरं ततः 3.255,204. अभ्युज्जीवेत्सीदमानः 12, 139.59. अभ्युत्तिष्ठ श्रुताद स्मात् 12. 136. 207". अभ्युत्थानमधर्मस्य 3. 187.26.6.26.7.7.1142*.pr. अभ्युस्थानेन देवस्य 13. 6. 49. अभ्युत्थिते दस्युबले 12.79. 340. अभ्युत्पतललोकगुरुर्बभासे 6.55.926. अभ्युत्मयित्वा राधेयं 2.63. 120. अभ्युदतगदौ वीरौ 9. App. 3. 27 pr. अभ्युद्गतास्त्वां वयमद्य सर्वे 1. 83. s. अभ्युद्गम्य गृहस्थेन 14. App. 4. 979 pr. अभ्युद्धरति चात्मानं 12. 106. 8. अभ्युद्यतं रणे दृष्ट्वा 6. 452*. 1 pr. [अ]भ्युद्यतेष्वायुधेनु च 5. 126. 40". अभ्युद्ययावुद्यतबाणपाणिः 6.55. 106deg. अभ्युद्ययुर्महाराज 7.599*. 2 pr. अभ्युद्ययुस्ते शितशस्त्र हस्ताः 6. 81. 9". अभ्युद्ययू रणे पार्थान् 6.95. 39. अभ्युद्ययौ पाण्डुसुतासमन्तात् 9. 10.. अभ्युद्ययौ संप्रहृष्टः 6. 43.52deg. [अभ्युपायान्मधुसूदनः 2. App. 18. 19 post. अभ्युपाविशदच्युतः 5. 89.84. अभ्युपेत्य महाप्राज्ञः 5.63.8. अभ्युपेयुर्महाभागं 4.766*. 1 pr. अभ्येति ब्रह्म सोऽत्यन्तं 12. 317. 17%; 540*. 14 pr. अभ्येति युधि कश्चन 6.35. 31. अभ्येत्य कुशलं भद्दे 3.79.20. अभ्येत्य च महाबाहुः 7. 110.3". अभ्येत्य चाश्रमं वीराः 3. 208.20. अभ्येत्य तस्थौ शरविक्षताङ्गः 4. App. 57.24. अभ्येत्य तेषां वेश्मानि 5.82.29. अभ्येत्य त्यां तात वदामि संजय 5.32.)". अभ्येत्य पादयोस्तस्य 6. 117. 4'... अभ्येय पुत्रेण तवाभिनन्दितः 8. 7.51" अभ्येत्य भीमं बलिनं बलिष्ठः 8. App. 15. 3. अभ्येत्य भूयो विजयेन तृप्तौ 4. 1059*.. अभ्येत्य योजनशतं 12. 382*. 1 pr.. अभ्येत्य योजनशतात् 13. 225*.21. अभ्येत्य रणमध्यस्थं 4. App. 32. Spr. अभ्येत्य राजा कौन्तेयः 3. 15.3.1. अभ्येत्य राजानममिवहारवीत् 4. 11. ". अभ्येत्य शक्रस्त्रिदिवात् 9.52. 4. अभ्येत्य स युधिष्टिरम् 2. 29. 18. अभ्येत्य सर्वे किष्किन्धां 3.264. 15. अभ्येत्य सहसा कर्ण 7. 117.. अभ्येत्य सहसा क्रुद्धः 3. App. 1S.Gpr. अभ्येत्य सहिताः सर्वे I.APP.is. It pr. अभ्येत्याश्रममध्यस्थं 3.256. 14. अभ्येत्यैकोऽवतिष्ठति 12. 292.4. अभ्रच्छायामिव शरैः 7. 68. 41. अभ्रच्छायामिवाम्बरे 8.299*.1 post. अनच्छायेव चैवासीत् 7. 68.6. अभ्रच्छायेव तत्रासीत् 8. 33. 4.9". अभ्रच्छायेव रचिताः 7. App. 10.5pr. अभ्रच्छायेव संजज्ञे 8. 17.83; 39.6.9.14.376. अभ्रजालं विदीर्थते 7. 145. 49. अभ्रश्यामः पिशजटाबद्धकलापः 1. 13*. 1. 5.5*. 1. 12. 450*. 1. अभ्रं पारिष्ठवं यथा 5. 36. 300. भन्नाणामित्र स्पाणि 12. 136. 133. अनाणीव सदागतिः 7.7.. अभ्राणी मानिलो वचीत् 8.21.10. अभ्राता विदितः पूर्व 5. 11. 100. अभ्रातृका समनाहीं 13.308.2pr. अभ्रावकाशशयनं 13. App. 10.207pr. अभ्राबका राशीलश्च 13. 110. 1329. अभावकाशा वर्षासु 12. 230. 100. असङ्गल्यध्वजश्चैव 6. 108. 100. -- 184 -